Uttarakhand Disaster: रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के लिए चमोली पहुंचा चिनूक हेलीकॉप्टर, राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी

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ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 कर्मचारियों तक पहुंचने में सुरंग के जरिए भारी मात्रा में आ रहा मलबा बचाव दल के समक्ष बड़ी बाधा बनकर सामने आया है। अभी तक आपदा में 170 लोग लापता हैं। 34 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिनमें से नौ लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। 12 मानव अंग क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं। हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं।

आपदा में लापता लोगों में से अब तक 34 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद हो चुके हैं, जिसमें से नौ लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें से छह उत्तराखंड के रहने वाले हैं। जिला प्रशासन की तरफ से शिनाख्त लोगों की सूची बृहस्पतिवार को जारी की गई। अन्य शवों की शिनाख्त की जा रही है। कई शवों के क्षति विक्षत होने के कारण भी शिनाख्त नहीं हो पा रही है।

नदी में पानी बढ़ने के बाद चमोली पुलिस नदी ने आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है। पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे सतर्क रहें और घबराएं नहीं।

डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने कहा कि सब यही कोशिश कर रहे हैं कि हम आगे से आगे पहुंच पाएं। पहले गति अच्छी थी, परन्तु अब तरल ज्यादा हो गया है, जितना हम साफ कर रहे हैं, अंदर से उतना ज्यादा तरल निकल रहा है। प्रयास जारी है, उम्मीद है कि 180 मीटर के आसपास वो लोग मिल जाएं।