Uttarakhand Disaster: तीन दिन से टनल में फंसी हैं कई जिंदगियां, बचाने में जुटी टीमें, नेवी कमांडो को लेकर भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर श्रीनगर पहुंचा

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    उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से 174 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 32 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 8 की शिनाख्त हो गई है। बुधवार को चौथे दिन थी राहत बचाव कार्य जारी है। वहीं मंगलवार काे रातभर टनल से मलबा हटाने का कार्य चला। इस दौरान ड्रोन की भी मदद ली गई। बताया जा रहा है कि अभी टनल से मलबा हटाने में और समय लगेगा।

    आईटीबीपी के जवान प्रभावित गांवों में राशन किट वितरित करने में लगे हुए हैैं। बाहरी प्रदेशों के साथ ही उत्तराखंड से लापता लोगों की ढूंढखोज में परिजन तपोवन और रैणी क्षेत्र में डटे हुए हैं। मलारी हाईवे के बह जाने से अलग-थलग पड़े 13 गांवों के लोगों के सम्मुख दिक्कतें आने लगी हैं। जुग्जु और जुवा-ग्वाड़ गांव के ग्रामीणों का कहना है कि हेलीपेड गांव से करीब चार किलोमीटर दूर होने के कारण उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है।

    एनटीपीसी और अन्य निर्माण एजेंसियों के अभियंता व विशेषज्ञ परियोजना सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए ढाक गांव से सुरंंग को तोड़कर वैकल्पिक रास्ता बनाने की योजना बना रहे हैं। रैणी गांव के नीचे मलारी हाईवे पर बीआरओ की ओेर से वैली ब्रिज स्थापित करने के लिए मलबा हटाने का कार्य शुरु कर दिया गया है।