यूपी में रद्द हुई कांवड़ यात्रा, कोरोना महामारी के चलते योगी सरकार ने लिया फैसला

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उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरे लहर को देखते हुए इस साल कावंड़ यात्रा को रद्द करने का निर्णय लिया है. आज शनिवार को राज्य सरकार इसकी पुष्टि की. इस संबंध में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ संघ से बातचीत के निर्देश दिए थे.सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल कांवड़ संघों से बातचीत कर रहे थे. बातचीत में कोरोना संक्रमण और इसकी संभावित तीसरी लहर पर चर्चा की गई, जिसके बाद इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया है.

पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी. इस बार भी सरकार ने संघों की सहमति से ही यह फैसला लिया है. हालांकि, यूपी सरकार चाहती थी कि इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध ना लगे, बल्कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा निकाली जाए. मगर उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी है.

वहीं यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर पहले अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था.

कोर्ट ने कहा था कि एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते. हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है. यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.

उधर, कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कांवड़ संघों से अपील की है कि वह इस बार कांवड़ यात्रा पर नहीं निकालें. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि तथा महामंत्री हरिगिरि ने कहा कि कांवड़िये सांकेतिक तौर पर यह आयोजन करें. वह घर के आसपास शिवालयों में जलाभिषेक कर सकते हैं. तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही ठीक है. शिव भक्तों से मेरा निवेदन है कि आप अपने गांव के शिवालयों में गंगाजल का अभिषेक करें या फिर अपने घरों में शिवलिंग की स्थापना करके गंगाजल का अभिषेक करें