यूपी पंचायत चुनाव 2021: समाजवादी पार्टी और आरएलडी गठबंधन का पंचायत चुनाव में बजा डंका, बीजेपी को पछाड़ा, जानें किस दल को मिली कितनी सीटें

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Samajwadi Party
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उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav Results 2021) के सभी नतीजे लगभग घोषित हो चुके हैं. हालांकि कई जगहों पर अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. जिला पंचायत सदस्य चुनाव (Zila Panchayat Chunav) के भी नतीजे आ चुके हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) को पछाड़ते हुए बढ़त बना ली है. अब तक जारी परिणाम के मुताबिक समाजवादी पार्टी समर्थित 742 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी समर्थित 679 प्रत्याशी जीते हैं. बसपा समर्थित 320 प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे. वहीं कांग्रेस व अन्य दलों सहित 1309 निर्दलीयों ने जिला पंचायत चुनाव में बाजी मारते हुए कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की चाबी अपने हाथ में रखी है.

समाजवादी पार्टी की जीत पर पार्टी प्रवक्ता डॉ अनुराग भदौरिया ने कहा कि पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बनारस, प्रयागराज और अयोध्या जैसे जिलों में बीजेपी को धूल चटा दी है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह जनपद गोरखपुर में समाजवादियों ने बीजेपी के नाक में दम कर रखा है.

अब जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए जोड़तोड़

जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. लेकिन अब परिणाम आने के बाद सबसे बड़ी लड़ाई जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए शुरू होगी. कई जिलों में किसी भी दल को बहुमत न मिलने की स्थिति में जोड़तोड़ का खेल भी शुरू हो गया है. जिला पंचायत अध्यक्ष की चाबी इस बार निर्दलीयों के पास है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि बीजेपी ने पंचायत चुनावों में 900 से ज्यादा सीटें जीती हैं और 400 निर्दलीय पार्टी के संपर्क में हैं. लिहाजा अब सभी की निगाहें जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर है. सभी 75 जिलों में कौन अपने दल के प्रतिनिधि को काबिज करवा पाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
पिछली बार सपा ने 2184 सीट जींतने का किया था दावा

गौरतलब है कि पिछले पंचायत चुनाव की बात करें तो सपा ने दावा किया था कि उसने 3121 सीटों में से 70 फीसदी यानी 2184 सीटों पर जीत दर्ज की है.इस तरह देखा जाए तो उसकी सीटों में इस बार भारी गिरावट आई है. फिर भी सपा की सीटें भाजपा से अधिक हैं. वर्ष 2015 में बसपा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया था. वह दूसरे, बीजेपी तीसरे व कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी.