राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर हमला कहा – वो चीन को मानते हैं, हमारे सैनिकों की वीरता पर भरोसा नहीं

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहले चरण के मतदान के लिए चुनावी प्रचार अंतिम चरण में है। शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रचार किया। यहां 10 फरवरी को पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। सिंह ने गलवान संघर्ष का मुद्दा उठाया और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला। कहा कि उन्हें भारतीय सैनिकों की वीरता पर भरोसा नहीं है, इसके बजाय वो चीनी मीडिया पर ज्यादा भरोसा करते हैं।

शनिवार की रोज मथुरा में चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमने दुनिया को संदेश दिया है कि भारत अब कमजोर राष्ट्र नहीं है। हम सीमा पार कर सकते हैं और हमला कर सकते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ ने ये बातें पूर्वी लद्दाख सेक्टर में जून 2020 की झड़प के बारे में कहा।

राजनाथ ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कई भारतीय जवान गलवान और कुछ चीन में मारे गए। उन्हें चीनी मीडिया पर भरोसा था। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बताया कि 38 से 50 चीनी मारे गए। कांग्रेस नेता को हमारे सेना के जवानों की वीरता पर भरोसा नहीं है। सिंह ने आगे कहा कि रक्षा मंत्री के रूप में उनका दृढ़ विश्वास है कि कोई भी भारत के गौरव पर हमला नहीं कर सकता है।

योगी राज में कानून व्यवस्था सफल रहीः राजनाथ
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सफल रहे हैं और सराहना के पात्र हैं। अपराधी भाग रहे हैं, माफिया की संपत्ति को तोड़ा जा रहा है। यूपी तरक्की की राह पर है। एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं, तहसीलों और प्रखंड मुख्यालयों को जोड़ने के लिए सड़कें बन रही हैं। मथुरा में राजनाथ भाजपा उम्मीदवार पूरन प्रकाश के लिए प्रचार कर रहे थे।

राजनीति समाज के लिए न कि सरकार बनाने के लिएः राजनाथ
समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए राजनाथ ने कहा कि यह तुष्टीकरण की राजनीति करती है और धर्म आधारित राजनीति की तलाश करती है। राजनीति समाज, राष्ट्र बनाने के लिए है, न कि केवल सरकार बनाने के लिए। राजनीति न्याय और विकास की होनी चाहिए। हम वसुधैव कुरुंबकम में विश्वास करते हैं। भाजपा विभाजन के आधार पर राजनीति को स्वीकार नहीं करने जा रही है।