केंद्रीय मंत्री शेखावत ने केजरीवाल को बताया पाप का भागीदार, कहा – यमुना में छठ पूजा की अनुमति नहीं देना दिल्ली के मतदाताओं का अपमान

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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यमुना नदी के प्रदूषण के मामले पर अरविंद केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला है। दिल्ली सरकार पर यमुना नदी को साफ न कर पाने का आरोप लगाते हुए शेखावत ने कहा कि पूरी यमुना का केवल दो फीसद हिस्सा ही दिल्ली में बहता है। इसको साफ करने के लिए केजरीवाल सरकार को केंद्र से भारी आर्थिक मदद मिलती है, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली सरकार यमुना को साफ करने में नाकाम रही है। यमुना को साफ न कर पाने के कारण पूर्वांचल के लोगों को यमुना के गंदे पानी में छठ का त्योहार मनाना पड़ रहा है। इसे भगवान भास्कर और छठि मइया का अपमान बताते हुए मंत्री ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल इस पाप के भागीदार हैं और वे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में यमुना का बहाव क्षेत्र केवल 22 किलोमीटर (कुल लंबाई का दो प्रतिशत) है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि यमुना के कुल प्रदूषण का 80 प्रतिशत अकेले दिल्ली में ही पैदा होता है। दिल्ली के 18 बड़े नाले प्रतिदिन 35 करोड़ लीटर सीवेज और नाले का गंदा पानी यमुना में डाल रहे हैं। यदि दिल्ली से यमुना में होने वाला प्रदूषण रोका जा सके तो यमुना को साफ-स्वच्छ रखने में भारी मदद मिल सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इच्छाशक्ति की कमी के कारण दिल्ली सरकार ऐसा कोई काम नहीं कर पाई और आज पूर्वांचल के लोगों को भारी गंदगी भरे पानी में छठ पर्व मनाना पड़ रहा है।

शेखावत ने कहा कि यमुना को साफ करने के लिए दिल्ली सरकार को नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 13 योजनाओं में 2419 करोड़ रूपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा रही है। इनके माध्यम से 1385 एमएलडी गंदा पानी प्रतिदिन साफ किया जाना है। लेकिन अब तक इन योजनाओं पर कोई प्रगति नहीं हो सकी है।

मंत्री ने कहा कि यंमुना एक्शन प्लान-3 के अंतर्गत रिठाला, कोंडली और ओखला तीन जगहों पर तीन बड़े एसटीपी प्लांट्स लगाए जाने थे। दिल्ली सरकार ने केवल इसी कार्य में दो साल से ज्यादा का समय लगा दिया। इसी प्रकार की अन्य योजनाओं को जमीन पर उतारने में भारी समय लगाया जा रहा है क्योंकि यह सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है।