बच्चों के कोविड टीकाकरण पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा – जल्दबाजी नहीं करना चाहता

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Health Minister Mansukh Mandaviya
Health Minister Mansukh Mandaviya

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने गुरुवार को कहा कि सरकार बच्चों को कोविड टीका (Covid Vaccine For Children) लगाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती और इस संबंध में कोई भी निर्णय विशेषज्ञों की राय के आधार पर ही लिया जाएगा. जायडस कैडिला (Zydus Cadila) के कोविड-19 टीकों को 12 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकाल में इस्तेमाल की अनुमति मिल जाने के मद्देनजर बच्चों का टीकाकरण शुरू होने के संबंध में मंडाविया ने कहा कि दुनिया में कहीं भी बच्चों को बड़े पैमाने पर कोविड-19 टीका नहीं लगाया जा रहा है, हालांकि कुछ देशों में बच्चों का सीमित टीकाकरण शुरू किया गया है.

एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हम इस बात को लेकर जल्दबाजी नहीं करना चाहते. चूंकि ये बच्चों से जुड़ा मामला है, इसलिए विशेषज्ञ समूह और अध्ययन कर रहे हैं. मंडाविया ने कोविड-19 टीके की बूस्टर खुराक दिए जाने की संभावना पर कहा कि पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध हैं और टीकाकरण के लिए पात्र लोगों को दो-दो खुराक दिए जाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि इसके बाद विशेषज्ञ की सिफारिश के आधार पर बूस्टर खुराक देने पर निर्णय लिया जाएगा.

‘हर घर दस्तक’ अभियान को मजबूत करने पर की चर्चा

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री के ‘हर घर दस्तक’ अभियान को मजबूत करने पर चर्चा की. सभी स्वास्थ्य मंत्रियों से सामूहिक प्रयासों के लिए आग्रह किया कि ये सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नागरिक कोविड-19 टीकों के संरक्षण के बिना न रहे. साथ ही राज्यों को आवश्यक वैक्सीन आपूर्ति का आश्वासन देते हुए कहा कि देश में टीकों की कोई कमी नहीं है. कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन पर जोर देते हुए कहा कि टीकाकरण हमारा सुरक्षा कवच’है, हमें कोविड उपयुक्त व्यवहार को नहीं भूलना चाहिए.

इसी महीने शुरू हुआ था ‘हर घर दस्तक’ अभियान

कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार में कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि नवंबर की शुरुआत से घर-घर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इस अभियान के तहत पहले उनक जिलों पर फोकस करने की बात कही गई थी, जहां वैक्सीनेशन कम हुआ है. इस अभियान को ‘हर घर दस्तक’ नाम दिया गया. इसका उद्देश्य लोगों को घातक वायरस से बचाव के लिए फुली वैक्सीनेटेड के लिए प्रेरित करना है. दो नवंबर को इस अभियान की शुरुआत हुई और देश के उन 48 जिलों पर पहले फोकस किया गया, जहां पहली वैक्सीन लेने वालों की संख्या 50 फीसदी से भी कम है. केंद्र सरकार ने लक्ष्य बनाया है कि नवंबर के अंत तक देशभर में सभी पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक मिल जानी चाहिए.