UN महासचिव ने की तालिबान से बातचीत की पैरवी, कहा – लाखों मौतें टालने के लिए ऐसा करना जरुरी

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अफगानिस्तान में तालिबान अपनी सरकार बना चुका है और अब निगाहें इस बात पर हैं कि कौन-कौन से देश उसे मान्यता देते हैं। तालिबान की ओर से अब भी तमाम देशों को आतंकवाद का खतरा नजर आ रहा है और उस पर भरोसा नहीं जता रहे हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने तालिबान से बातचीत की पैरवी की है। गुतारेस ने कहा है कि हमें तालिबान से बात करनी होगी ताकि लाखों मौतों को टाला जा सके। समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से ये खबर आई है। 

अफगानिस्तान में सरकार गठन के बाद से ही तालिबान पर तमाम देशों की नजरें टेढ़ी हैं। उसने वादे के मुताबिक मंत्रिमंडल में महिलाओं को भागीदारी दी, उपर से सरकार में कई ऐसे नेताओं को भी मंत्री बनाया गया जिन्हें आतंकी घोषित किया जा चुका है। ऐसे में कई देशों का तालिबान सरकार से बात शुरू करना फिलहाल मुश्किल ही दिखता है। 

तालिबान ने अफगानिस्तान में 33 कैबिनेट मंत्रियों वाली अंतरिम सरकार की घोषणा की थी। इनमें प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद सहित 14 से अधिक मंत्री संयुक्त राष्ट्र व अमेरिका द्वारा घोषित आतंकी सूची में हैं। करोड़ों के इनामी आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री बनाया गया है।  

सरकार गठन पर गर्मजोशी नहीं दिखाई 
अमेरिका, जर्मनी, जापान और चीन सहित किसी भी देश ने अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों की सरकार बनने पर गर्मजोशी नहीं दिखाई। उन्होंने मान्यता चुप्पी साध ली है। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे कई प्रमुख देशों ने कैबिनेट में आतंकियों को शामिल किए जाने और अन्य वर्गों-समूहों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर निराशा जताई है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नई सरकार में शामिल नामों का मूल्यांकन कर रहा है। कई लोगों का ट्रैक रिकॉर्ड व आतंकी संगठनों से संबद्धता चिंताजनक है। उसने बयान दिया, ‘हालांकि यह अंतरिम सरकार है, लेकिन तालिबान का मूल्यांकन उसके कामों से होगा, वह जो कहता आ रहा है, उन शब्दों से नहीं। अफगान सभी के साथ से बनी सरकार की अपेक्षा रखते हैं, हमारी भी यही उम्मीद है।’ साथ ही चेताया कि तालिबान अफगान की सरजमीं का उपयोग किसी देश के खिलाफ नहीं होने दे। एजेंसी

अमेरिका को धमकाया 
वहीं, तालिबान ने अपनी सरकार में शामिल आतंकी कैबिनेट मंत्रियों को ‘टार्गेट’ पर रखने वाले बयान के लिए अमेरिका को धमकाया है। अमेरिका ने आतंकियों की काली सूची में शामिल तालिबानी कैबिनेट मंत्रियों, खासतौर से हक्कानी परिवार के लोगों के लिए कहा था कि इन्हें वह अपने टार्गेट पर बनाए रखेगा।

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा ‘इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान की कैबिनेट खासतौर से दिवंगत हक्कानी के परिजनों को लेकर पेंटागन के अधिकारियों सहित कई देशों ने भड़काने वाले बयान दिए हैं। यह अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल है। इसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। अमेरिकी अधिकारी पहले भी इस प्रकार के काम कर चुके हैं, जिनके परिणाम में अमेरिका का नुकसान हुआ है। हमसे कूटनीतिक संवाद कर उसे अपनी इन नीतियों को तत्काल सुधारना होगा।

मुजाहिद ने यह भी कहा कि हक्कानी तालिबानियों से अलग नहीं हैं। दोहा समझौते के लिए हुई वार्ता में यह सभी शामिल थे, अमेरिका से बात भी कर रहे थे। उन्हें अमेरिका और यूएन की आतंकी सूची से उसी वक्त हटाना चाहिए था। तालिबान आज भी यह मांग करता है।