चमोली हादसे पर उमा भारती ने जताई चिंता, बोली- ‘मैं गंगा और उसकी सहायक नदियों पर चल रहे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ थी’

370
Uma Bharti

पूर्व नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्री उमा भारती ने रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी चिंता का विषय है। इसके अलावा यह चेतावनी भी है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि मंत्री रहते हुए वह गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर बांध बनाकर पनबिजली परियोजनाएं लगाने के खिलाफ थीं। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गाव जिला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट जोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है। मै गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं की मां सबकी रक्षा करें तथा प्राणिमात्र की रक्षा करें।

उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। अपने एक ट्वीट के जरिये उन्होंने कहा कि ग्लेशियर टूटने से पनबिजली परियोजना को नुकसान पहुंचा है और भीषण त्रासदी आई है। हिमालय के ऋषि गंगा में हुई यह त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है।

उन्होंने लिखा है, ‘’इस संबंध में मैंने अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो हलफनामा दिया था, उसमें यही आग्रह किया था की हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजना नहीं बनने चाहिए।

उन्होंने कहा कि उस फैसले से बिजली आपूर्ति में होने वाली कमी को राष्ट्रीय ग्रिड से पूरा किया जा सकता था। साथ ही उमा भारती ने जानकारी दी कि शनिवार को वह उत्तर काशी में थीं और फिलहाल हरिद्वार में हैं।

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा, ‘मै इस दुर्घटना से बहुत दुखी हूं। उत्तराखंड देवभूमि है। वहां के लोग बहुत कठिनाई से जीवन जीकर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते हैं। मैं उन सबके रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं। चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी सभी जिलों में रहने वाले अपने आत्मीय जनों से अपील करती हूं कि इस आपदा से प्रभावित लोगों की रक्षा व सेवा कार्यों में लग जाइए।’