UGC अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, CUET साल में दो बार कराने पर विचार करेगा NTA

402
University grants commission

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) प्रमुख जगदीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) 2023 से साल में दो बार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) आयोजित करने पर विचार करेगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि राज्य बोर्ड के छात्रों को सीयूईटी से नुकसान नहीं होगा। यह प्रवेश परीक्षा सभी छात्रों को समान अवसर देगी।

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि सीयूईटी पूरी तरह से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित होगा। 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा।

यूजीसी प्रमुख ने कहा कि शीर्ष निजी विश्वविद्यालयों की स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश के लिए सीयूईटी का उपयोग करने में दिलचस्पी है। ऐसा भी नहीं है कि इस प्रवेश परीक्षा से बोर्ड परीक्षा बिल्कुल निरर्थक हो जाएगी। इससे कोचिंग कल्चर को बढ़ावा नहीं मिलेगा।

आपको बता दें कि इस वर्ष से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक कोर्सेज में कटऑफ की बजाय सीयूईटी नाम की प्रवेश परीक्षा से दाखिला होगा। सीयूईटी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश लेने के लिहाज से अनिवार्य कर दी गई है। सीयूईटी के आवेदन करने की शुरुआत 2 अप्रैल से होगी, जबकि आवेदन की अंतिम मारीख 30 अप्रैल होगी।

जगदीश कुमार ने कहा, ”शुरुआत में इस साल सीयूईटी का एक बार आयोजन किया जाएगा, लेकिन एनटीए आगामी सत्र से साल में कम से कम दो बार परीक्षा आयोजित करने पर विचार करेगी। प्रवेश परीक्षा केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयेां तक सीमित नहीं होगी, बल्कि निजी विश्वविद्यालय भी इसका इस्तेमाल करेंगे। कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे भी इससे जुड़ना चाहते हैं और सीयूईटी के जरिए छात्रों का दाखिला करने के इच्छुक हैं।”

कुमार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंक नहीं, बल्कि सीयूईटी के अंकों का उपयोग अनिवार्य होगा और केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना न्यूनतम पात्रता मापदंड तय कर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या इस परीक्षा से स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए ”कोचिंग संस्कृति” को बढ़ावा मिलेगा, कुमार ने कहा, ”परीक्षा के लिए किसी कोचिंग की आवश्यकता नहीं होगी, इसलिए इससे कोचिंग संस्कृति को बढ़ावा मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता। परीक्षा पूरी तरह 12वीं के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। कई छात्रों को इस बात की चिंता है कि क्या परीक्षा में 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के भी सवाल पूछे जाएंगे, तो इसका जवाब है ‘नहीं’ ।”