कंगाल पाकिस्तान में हालात बदतर, मंहगाई में आवाज उठाने वालों की जा रही नौकरी..

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पाकिस्तान में तंगहाली और महंगाई ने गरीब लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. एक्सप्रेस डेली की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश पाकिस्तानी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं और 80 प्रतिशत अप्रशिक्षित मजदूरों को दस महीने पहले घोषित न्यूनतम 25,000 पाकिस्तनी रुपए का वेतन नहीं मिल रहा है. पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेबर एजुकेशन एंड रिसर्च (पीआईएलईआर) के निदेशक उम्मत अली ने एक्सप्रेस डेली को बताया कि इन महीनों में महंगाई ने गरीब लोगों के लिए जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है.

बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार को न्यूनतम मजदूरी

दरअसल पीआईएलईआर के निदेशक ने कहा कि महंगाई दर और बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार को न्यूनतम मजदूरी (पाकिस्तानी रुपए) 50,000 प्रति माह करनी चाहिए. विश्व बैंक की रिपोर्ट के संदर्भ में उम्मत अली ने कहा कि 83 प्रतिशत से अधिक परिवार दो डॉलर से कम कमा रहे हैं, लेकिन सरकार ने विश्व बैंक की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. दूसरी ओर, ट्रेड यूनियन भी कोई लाभ लेने में विफल रहे क्योंकि अधिकांश मजदूर अपंजीकृत थे.