अरुणाचल में जेडीयू के छह MLA बीजेपी में शामिल होने पर तेज प्रताप बोले- बिहार से भी जल्द होगा सफाया

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अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) को झटका लगा है. उनके छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसको लेकर अब बिहार में भी सियासी पारा चढ़ गया है. आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जेडीयू का जल्द ही बिहार से भी सफाया हो जाएगा. पार्टी अब पूरी तरह से टूट गई है. इस बार विधानसभा में इनकी पार्टी आधी सीटों पर सिमट कर रह गई है.

तेज प्रताप ने कहा, ‘शुरू से ही उनका सफाया हो रहा है. अरुणाचल प्रदेश से इसकी शुरुआत हुई है. अब बिहार में भी इनका जल्द ही सफाया हो जाएगा. जेडीयू पूरी तरीके से खंडित हो चुकी है, टूट चुकी है. नीतीश कुमार ने जो फैसला लिया बहुत गलत फैसला लिया. उन्होंने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है.’

दूसरी तरफ आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बीजेपी पर हमला बोला है. शिवानंद तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या बल था तो फिर जनता दल यूनाइटेड के विधायकों को क्यों तोड़ा गया ?

शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पर लिखा, “बीजेपी को विधानसभा में खासा बहुमत था. फिर उसने नीतीश कुमार के विधायकों को क्यों तोड़ा? भाजपा के इस कदम का क्या अर्थ निकलता है ? क्या माना जाए कि भाजपा ने नीतीश से पुराना हिसाब चुकाना शुरू कर दिया है”.

नीतीश पर जारी है आरजेडी का हमला

जाहिर है बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को बने डेढ़ महीना हो चुका है. आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) लगातार मुख्यमंत्री नीतीश पर हमला कर रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से सोमवार को मध्यावधि चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान करते हुए कहा कि जोड़तोड़ से बनी नीतीश सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी और 2021 में कभी भी चुनाव हो सकते हैं, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा.

इतना ही नहीं तेजस्वी मकर संक्रांति के बाद बिहार में धन्यवाद यात्रा पर निकलने का ऐलान किया है. तेजस्वी के बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में जल्द ही टूट जाएगा बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन?

एनडीए के सहयोगी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि चुनाव होने की भविष्यवाणी से मैं पूरी तरह सहमत हूं, पर वह उपचुनाव होगा, ना कि विधानसभा चुनाव. आरजेडी और कांग्रेस के कई विधायक हमारे साथ हैं. इन सभी के हमारे साथ आने पर तो उपचुनाव होंगे ही. मांझी ने कहा है कि 14 जनवरी तक इंतजार करें और फिर देखिएगा कि किन-किन सीटों पर उप चुनाव होंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जिस तरह के नतीजे आए हैं, उसमें एनडीए को बहुमत से महज दो सीटें ही ज्यादा मिली हैं. बिहार के एनडीए गठबंधन में इस बार चार पार्टियां हैं, जिनमें बीजेपी और जेडीयू के अलावा मुकेश सहनी की वीआईपी और जीतनराम मांझी की HAM शामिल है. यही नहीं जेडीयू पहली बार बीजेपी से कम सीटें जीतकर आई है.

वहीं, तेजस्वी के अगुवाई वाले महागठबंधन के पास कुल 110 विधायक हैं जबकि AIMIM के पांच और बाकी दलों से तीन एमएलए जीतकर आए हैं. ऐसे में कुछ विधायक इधर से उधर हुए तो बिहार का समीकरण ही बदल सकता है. यही वजह है कि तेजस्वी यादव ही नहीं बल्कि चिराग पासवान भी आगामी चुनाव के लिए अभी से ही कमर कस रहे हैं.