अवैधानिक रूप से चल रही कलाकार एसोसिएशन उ०प्र० की नियमानुसार उच्य स्तरीय जाँच हेतु, TAFWA ने CM योगी को लिखा पत्र

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अवैधानिक रूप से चल रही कलाकार एसोसिएशन उ०प्र० की नियमानुसार उच्य स्तरीय जाँच हेतु, TAFWA ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, पत्र में उन्होंने लिखा-

कलाकार एसोसिएशन उ०प्र० जो विगत कई वर्षो से अवैधानिक रूप से लखनऊ में कार्य कर रहा है उक्त एसोसिएशन के पधाधिकारियो के द्वारा संस्कृति विभाग एवं उसके अधीन चल रहे राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, भारतेंदु नाट्य अकादमी, अयोध्या शोध संस्थान, संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय कथक संस्थान एवं उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड सहित समस्त विभागों के अधिकारियो, क्रमचारियो से मिली भगत अथवा दबाव बनाकर धनापोर्जन में लिप्त हो कर अवैधानिक रूप से धन उगाही की जाती है, जबकी उक्त एसोसिएशन के पधाधिकारियो में स्वामित एवं कुछ रुपियो को लेकर आपस में वाद-विवाद चल रहा था, और वाद-विवाद इतना बढ़ गया कि वर्ष 2012 से मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, और नियमानुसार जब तक उसका निस्तारण नहीं हो जाता तब तक उक्त एसोसिएशन के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं कराया जा सकता है और नाहि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी विभाग से किसी भी प्रकार की कोई सहायता मिल सकती हैI प्ररंतु उपरोक्त समस्त विभागों के अधिकारियो, क्रमचारियो से मिली भगत अथवा दबाव बनाकर धनापोर्जन में लिप्त होकर अवैधानिक रूप से धन उगाही की जाती है, और जिस विभाग के द्वारा उक्त एसोसिएशन या उसके पधाधिकारियो को कार्य नहीं दिया जाता तो वहां के अधिकारियो, के खिलाफ लिखा-पढी कर दबाव बनाकर कार्य करने का प्रयास किया जाता हैI

1- सर्वप्रथम उपरोक्त अवैधानिक रूप से चल रही एसोसिएशन के सचिव श्री विनोद मिश्रा जी जो एक कवि ना होते हुए भी उ०प्र० खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्यपाल अधिकारी आई.ए.एस श्री अखिलेश मिश्रा जी की मिली भगत से उ०प्र० खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के लगभग सभी आयोजनों में कवि बन कर गये और भुगतान प्राप्त करा और अपने पुत्र की संस्था को नाटक करा कर भुगतान प्राप्त करते रहे हैी

2- प्रभारी राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह एवं सचिव राष्ट्रीय कथक संस्थान की मिली भगत अथवा दबाव बनाकर अवैधानिक रूप से चल रही उक्त एसोसिएशन के सचिव श्री विनोद मिश्रा जी बलि प्रेक्षागृह जिसका जीवोंधार का कार्य प्रारंभ हो गया है, का निरकक्षण करते हुए सोशल मिडिया इत्यादि पर आसानी से देखे जा सकते है, अब इनको या उक्त एसोसिएशन के पधाधिकारियो को बलि प्रेक्षागृह का निरकक्षण करने का अधिकार किस अधिकारी ने दियाी

3- उ०प्र० संगीत नाटक अकादमी के सचिव / अध्यक्ष की मिली भगत अथवा दबाव बनाकर अकादमी के प्रेक्षागृह के साथ ही साथ चल रही अन्य योजनाओं का लाभ उक्त एसोसिएशन के सचिव, अध्यक्ष एवं अन्य पधाधिकारियो के द्वारा समय-समय पर लिया जाता है और अकादमी के द्वारा दिए जाने वाले अवार्ड्स में भी अवैधानिक रूप से चल रही उक्त एसोसिएशन से जुडे पधाधिकारियो को सम्मिलित कर अपने लोगो को अवार्ड् दिलाया जाता है उक्त एसोसिएशन के अध्यक्ष के द्वारा मिली भगत अथवा दबाव बना कर अकादमी के प्रेक्षागृह जिसका किराया क्रमशः 15,000, 21000 एवं 27000 था परन्तु उक्त एसोसिएशन के अध्यक्ष को एवं उनके सहयोगियों को जिसमे अध्यक्ष महोदय निर्देशन करते है उन सभी संस्था के होने वाले नाटको जिनमें टिकट शो होता है उसके बाद भी सिर्फ 15,000 रुपये में ही दिया जाता रहा है।

4- लखनऊ महोत्सव समिति लखनऊ के तत्वावधान में अवैधानिक रूप से चल रही उक्त एसोसिएशन के द्वारा रु० दो लाख लेकर नाट्य समारोह का आयोजन कराया जाता है, और संस्कृति विभाग के द्वारा नि;शुक्ल प्रेक्षागृह का भी आवंटन करा लिया जाता है और लखनऊ महोत्सव नाट्य समारोह के नाम पर प्रतिभाग करने वाली संस्थाओं के कलाकारो को अपना मेम्बर बनाकर धनापोर्जन करते हैI

5- अवैधानिक रूप से चल रही एसोसिएशन के द्वारा भारतेंदु नाट्य अकादमी के अधिकारियो, क्रमचारियो से मिली भगत अथवा दबाव बनाकर अपने कार्यक्रम, सम्मान समारोह आदि व् सहयोगियो के भी कार्यकर्मो के लिए अकादमी के प्रेक्षागृह का नि;शुक्ल आवंटन कराते है और अपने पुत्र की संस्था के नाटको का भी मंचन भी भारतेंदु नाट्य अकादमी के तत्वावधान में कराते रहे हैI परन्तु यदि अकादमी के द्वारा प्रेक्षागृह देने में कभी आनाकानी की जाती है तो वहा के अधिकारियो पर दबाव बनाने के लिए अकादमी के क्रमचारियो से मिली भगत कर अपनी एसोसिएशन के पधाधिकारियो या वरिष्ट कलाकारों के द्वारा अकादमी के खिलाफ सोशल मिडिया आदि पर एवं माननीय मुख्यमंत्री, संस्कृति मंत्री और सम्बन्धित अधिकारियो से शिकायती पत्र दिला दिया जाता हैI भारतेंदु नाट्य अकादमी के सम्बन्ध में वरिष्ट कलाकारों एवं वहा के पूर्व छात्रों की मांग है की अकादमी में पिछले ग्यारह वर्षो से कोई भी स्थाई निदेशक नहीं है भारतेंदु नाट्य अकादमी में स्थाई निदेशक होना चाहिए इस सम्बन्ध में मेरा भी आप से विनर्म अनुरोध है की वर्तमान समय मे जो भी अकादमी में निदेशक का कार्य-भार देख रहे हो उनके द्वारा किये गये कार्यो की समीक्षा करते हुए उन्हें स्थाई निदेशक बना दिया जाये या अन्य किसी जो भारतेंदु नाट्य अकादमी के स्थापना के उद्देशयो की पूर्तिकर्ता हो उसे अविलम्भ स्थाई निदेशक बनाने का कष्ट करेI

अतः आप से विनर्मतापूर्वक अनुरोध है कि अवैधानिक रूप से चल रही कलाकार एसोसिएशन उ०प्र० की नियमानुसार उच्य स्तरीय जाँच कराते हुए कि गई कार्यवाही से प्राथी को भी सप्रमाण अवगत कराने का कष्ट करेI
आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रतिलिपि प्रेषित ;-
1- प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग बापू भवन सचिवालय लखनऊ
2- महानिदेशक / प्रमुख सचिव पर्यटन निर्देशालय गोमती नगर लखनऊ
3- मुख्यकार्यपाल अधिकारी / प्रमुख सचिव उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड 8, तिलक मार्ग, लखनऊ
4- जिलाधिकारी लखनऊ कैसरबाग लखनऊ
5- निदेशक / प्रमुख सचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उ०प्र०
6- निदेशक संस्कृति निर्देशालय जवाहर भवन लखनऊ
7- निदेशक / अध्यक्ष भारतेंदु नाट्य अकादमी गोमती नगर लखनऊ
8- सचिव / अध्यक्ष उ०प्र० संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर लखनऊ
9- निदेशक अयोध्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग जवाहर भवन लखनऊ
10- सचिव राष्ट्रीय कथक संस्थान संस्कृति विभाग कैसरबाग लखनऊ
11- सचिव लखनऊ महोत्सव समिति गोमती नगर लखनऊ
12- समस्त सम्मानित समाचार सम्पादक