आयकर विभाग की एन्युअल इनफॉर्मेशन सिस्टम यानी एआईएस में जानकारियों में गड़बड़ियों को देखते हुए टैक्स रिटर्न में कई मामलों में करदाताओं की जानकारी पर ही पूरी तरह भरोसा किया जाएगा। हिंदुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक इस बारे में कुछ ही दिनों में आयकर विभाग सर्कुलर भी जारी कर सकता है। यानि अगर एआईएस और करदाताओं की जानकारी में अंतर रहा तो भी उन्हें टैक्स नोटिस का सामना नहीं करना पड़ सकता है।
नए आयकर पोर्टल में फॉर्म 26 एएस के साथ विभाग की तरफ से सालाना लेन देने की दूसरी जानकारियां मसलन शेयर और म्युचुअल फंड में निवेश जैसे तमाम नए विषय भी जोड़े गए हैं। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है ताकि करदाताओं को अपने लेन देन से जुड़ी सारी चीजें एक ही जगह मिल सकें।
हालांकि इस सिस्टम से लोगों को दिक्कतें भी होनी शुरू हो गई हैं। इस सिस्टम में गिरवी रखे शेयरों को बिक्री के तौर पर कई मामलों में देखा गया है। साथ ही शेयरों के बेचे जाने के भाव में भी दिक्कतें आ रही हैं। शेयरों के भाव में सिस्टम, दिन के बंद हुए दाम को दिखा रहा है , जबकि शेयर को दिन के कारोबारी भाव पर बेचा गया था। ऐसे में टैक्स की देनदारी में भी अंतर आ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक टैक्स विभाग ऐसे मामलों में करदाताओं की तरफ से दी गई जानकारी को ही वास्तविक मानेगा। जानकारी के मुताबिक एआईआर में थर्ड पार्टी से जरिए दी जा रही जानकारियों को शामिल किया जाता है। ऐसे में वो टैक्स की वास्तविक गणना के लिए फिलहाल इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक करदाताओं के पास इन्हें रेड फ्लैग करने का विकल्प होता है और वो इनकी जगह अपने असली दस्तावेजों में मौजूद जानकारी दे सकते हैं। विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक नए आयकर पोर्टल पर 3 दिसंबर तक 3 करोड़ से ज्यादा करदाता आपना रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।