बीजेपी में शामिल होने के साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने ममता पर साधा निशाना बोले – TMC में लोकतंत्र नहीं

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी ने आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया. शुभेंदु अधिकारी ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से इस्तीफा दिया था. शुभेंदु अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुए. उनके साथ कई टीएमसी विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए हैं.

बीजेपी में शामिल होने के बाद शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टीएमसी में लोकतंत्र नहीं रह गया है. कैलाश विजयवर्गीय और अमित शाह को बाहर का बताया जा रहा है. लेकिन यह जान लीजिए हम पहले भारतीय हैं उसके बाद बंगाली है.

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल को टीएमसी और भ्रष्टाचार से बचाना है. मैं टीएमसी को चेतावनी देना चाहता हूं कि वो जो नहीं चाहते वही होगा. बंगाल में अब बीजेपी की सरकार बनानी होगी.

65 विधानसभा सीटों पर प्रभाव

शुभेंदु अधिकारी का पश्चिम बंगाल की 65 विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है. शुभेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक थे. बाद में वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक बने. शुभेंदु अधिकारी 2009 से ही कांथी सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं.

शुभेंदु अधिकारी ने कांथी दक्षिण सीट पहली बार 2006 में जीती थी. तीन साल बाद वे तुमलुक सीट से सांसद चुने गए. लेकिन इस बीच उनकी प्रसिद्धि काफी बढ़ती गई. 2007 में शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया. शुभेंदु ने भूमि उछेड़ प्रतिरोध कमेटी के बैनर तले ये आंदोलन खड़ा किया था, जिसका बाद में पुलिस और CPI(M) के कैडर के साथ खूनी संघर्ष हुआ.

बहरहाल पश्चिम बंगाल की 65 विधानसभा सीटें हैं जिनपर अधिकारी परिवार की मजबूत पकड़ है. ये सीटें राज्य के छह जिलों में फैली हैं. शुभेंदु अधिकारी के प्रभाव वाली सीटों की संख्या राज्य की कुल 294 सीटों के पांचवें हिस्से से ज्यादा है.