जरुरी खबर : SEBI ने फिक्स की म्यूच्यूअल फंड्स में इंवेस्मेंट की लिमिट, साथ ही दी साइड पॉकेटिंग की सुविधा, जाने क्या इसके फायदे

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अगर आप भी म्यूच्यूअल फंड्स में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (सेबी) ने म्यूचुअल फंड के स्पेशल फीचर्स वाले डेट (डेब्ट) में निवेश की सीमा पर लिमिट लगा दी है. यानी अब आप तय सीमा से ज्यादा पैसा नहीं लगा सकते हैं. सेबी की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, म्यूच्यूअल फंड्स अब अपने ऐसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) का 10 फीसदी ही स्पेशल फीचर्स वाले वैसे डेट (डेब्ट) में निवेश कर सकेंगे.

सेबी ने कहा कि इसमें एडिशनल टियर 1 (AT 1) और एडिशनल टियर 2 (AT2) बॉन्ड शामिल होंगे. बता दें AUM वह पैसा होता है जो म्यूचुअल फंड हाउसेस के पास इंवेस्टर निवेश करने के लिए जमा करते हैं.

सर्कुलर के मुताबिक, सिंगर इश्यूअर के डेट में म्यूचुअल फंड अपने ऐसेट का 5 फीसदी से अधिक निवेश नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा इंवेस्टमेंट वाले म्यूच्यूअल फंड्स स्कीम में साइड पॉकेटिंग भी कर सकेंगे. साथ ही अगर किसी भी तरह का बैड डेट होता है तो आप एक अलग पॉकेट बना सकते है, जिसे साइड पॉकेटिंग कहा जाता है.

आपको बता दें इस पॉकेट के जरिए निवेशकों को स्कीम के बचे हुए भाग से एग्जिट करने का विंडो मिलता है और जिस डेट में रिकवरी का चांस होता है उस पर इसका कोई प्रभाव भी नहीं पड़ता है.

सेबी ने साफ किया कि पहले से जो इंवेस्टमेंट इस लिमिट से ऊपर हैं वो चलते रहेंगे और यह नया नियम केवल फ्रेश इंवेस्टमेंट पर 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा. आपको बता दें कि AT1 और AT2 बॉन्ड्स को perpetual भी कहा जाता है, क्योंकि इनकी कोई फिक्स मैच्योरिटी डेट नहीं होती है.