एसबीआई की अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म YONO का दायरा बढ़ाने की तैयारी, ऐप पर मिल सकती है दूसरे बैंकों की सर्विस, जानिए क्या है पूरी प्लानिंग

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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सुपर ऐप YONO को अलग करने के प्लान को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इसकी जगह एसबीआई अपने योनो ऐप को एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में तैयार करेगा, जिसे दूसरे बैंक भी इस्तेमाल कर सकेंगे. इससे योनो ऐप का दायरा भी बढ़ेगा. इस बात की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योनो ऐप के जरिए मोनेटाइजेशन की संभावना तो है लेकिन इसके टाइमलाइन के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि योनो ऐप का विस्तार कुछ इस प्रकार करना है ताकि यह एसबीआई के आगे भी बढ़ सके. अब योनो को एक ऐसे प्लेटफॉर्म के तौर पर तैयार किया जाएगा, जिसे ग्रामीण बैंक या सहकारी बैंकों से भी इंटीग्रेट किया जा सके. अगर वे इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना चाहेंगे तो कर सकेंगे.

पिछले साल ही पूर्व एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि एसबीआई अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को अलग करना चाहता है. इसके लिए योनो प्लेटफॉर्म का कुल वैलुएशन 40 अरब डॉलर पर रखा गया है. लेकिन मौजूदा चेयरमैन दिनेश कुमार खारा की अगुवाई में अब प्लान है कि इस ऐप को एक ऐसे प्लेटफॉर्म में तब्दील किया जाए, जहां एसबीआई समेत अन्य बैंक अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज ऑफर कर सकें. इस प्लेटफॉर्म के पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद निवेशकों को इसका लाभ मिल सकेगा.

कोरोना वायरस महामारी के दौरान योनो की मदद से एसबीआई ने खुदरा कर्ज लेने वाले और डिपॉजिटर तक अपनी पहुंच बढ़ाई है. दिसंबर 2020 तक योनो ऐप का यूज़र बेस करीब दोगुना होते हुए 3.20 करोड़ पर पहुंच गया है. इसके करीब एक साल पहले यह 1.7 करोड़ पर ही था.

अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान एसबीआई ने योनो लोन अकाउंट्स की मदद से 10 लाख से भी अधिक लोगों को 15,996 करोड़ रुपये जारी किए हैं. अब पर्सनल लोन सेग्मेंट में सफलता के बाद यह बैंक अब अपने रिटेल प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को भी बेहतर कर रहा है. जल्द ही होम लोन ग्राहकों को सभी प्रोसेस ऑनइलान पूरा करने की सुविधा मिलेगी.

योनो के अलावा एसबीआई अपने बहुभाषीय ‘योनो कृषि’ प्लेटफॉर्म के लिए नई प्लानिंग कर रहा है. योनो कृषि के जरिए किसान ग्राहकों को योनो खाता, योनो बचत, योना मित्र और योनो मंडी की सुविधा मिलती है. योनो कृषि के जरिए बैंक ने दिसंबर 2020 तक 12,000 करोड़ रुपये का कृषि लोन जारी किया है.

ध्यान देने की बात यह भी है कि योनो करीब 3 साल से ज्यादा समय से अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को सुविधाएं दे रहा है. लेकिन, इसके बावजूद भी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफैस यानी यूपीआई प्लेटफॉर्म्स को झटका देने में विफल रहा है. यूपीआई सेग्मेंट में अभी भी फोनपे और गूगल पे का वर्चस्व कामय है. पिछले कुछ समय में बैंक अपने डिजिटल एप्लीकेशन में तो निवेश कर रही ही रहे हैं, लेकिन इस दौरान अपने पुराने इन्फ्रास्ट्रक्च पर भी काम कर रहे हैं.