जल्द बदलेगा पैसे लेने-देने का तरीका, दिसंबर तक लॉन्च हो सकता है भारतीय डिजिटल करेंसी का ट्रायल कार्यक्रम – आरबीआई

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इसी साल दिसंबर तक अपना पहला डिजिटल करेंसी लाॅन्च कर सकता है. आरबीआई ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआई दिसंबर तक अपना पहला डिजिटल मुद्रा परीक्षण कार्यक्रम शुरू कर सकता है. केन्द्रीय बैंक अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को चरणबद्ध तरीके से लाने पर काम कर रहा है.

सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सावधानी बरत रहा है, क्योंकि यह आरबीआई के लिए ही नहीं दुनियाभर के लिए नया प्रॉडक्ट है. उम्मीद है कि हम दिसंबर के अंत तक इसका पहला ट्रायल शुरू करने की स्थिति में आ जाएं. बता दें कि नकदी के उपयोग में गिरावट और क्रिप्टोकरेंसी के बारे में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी के बाद आरबीआई ने ट्रायल पर विचार करना शुरू किया.

गवर्नर के अनुसार, आरबीआई डिजिटल मुद्रा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रहा है, जिसमें इसकी सुरक्षा, भारत के वित्तीय क्षेत्र पर प्रभाव और साथ ही यह मौद्रिक नीति और प्रचलन में मुद्रा को कैसे प्रभावित करेगा. बता दें कि हाल ही में केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने भी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के संकेत दिए थे.

उन्होंने कहा था कि डिजिटल करेंसी लाने की तारीख बताना मुश्किल है. हम संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं. बता दें कि चीन, जापान और स्वीडन जैसे देशों ने तो डिजिटल करंसी पर ट्रायल शुरू भी कर दिया है. वहीं, यूके, चीन, अमेरिका भी डिजिटल करेंसी लाने पर विचार कर रहा है. यानी कि भविष्य में दुनियाभर में डिजिटल करेंसी का ही बोलबाला रहेगा.

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी कि सीबीडीसी यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है. यानी कि जैसे आप कैश का लेन-देन करते हैं, वैसे ही आप डिजिटल करेंसी का लेन-देन भी कर सकेंगे. इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है. सीबीडीसी काफी हद तक क्रिप्टोकरेंसी जैसे ही काम करती है. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की तरह डिजिटल करेंसी की वैल्यू में उतार-चढ़ाव नहीं होता है. इसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करेगा.