कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने और खुदरा महंगाई को 4 फीसदी के दायरे में रखने के सरकार के दबाव के बीच आरबीआई नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है। 5 अप्रैल से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो रही है।
एडलवीज रिसर्च ने कहा कि आर्थिक सुधार की रफ्तार अभी सुस्त है। खुदरा महंगाई और कोविड-19 के मामले बढ़ने से भी चुनौतियां बढ़ी हैं। इसलिए नीतिगत दरों में बदलाव नहीं होगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक अपना नरम रुख जारी रखेगा। एमपीसी के नतीजे 7 अप्रैल को आएंगे।
हाउसिंग डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, केंद्रीय बैंक के समक्ष इस समय बड़ी चुनौती है। इसलिए रेपो दर में बदलाव की गुंजाइश नहीं है। हालांकि, ब्याज दरों में और कटौती से अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। वहीं, एक्यूट रिसर्च एंड रेटिंग्स के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा, वैश्विक स्तर पर बॉन्ड में रिटर्न बढ़ने के बावजूद एमपीसी अपनी आगामी बैठक में नरम रुख जारी रखेगी।