NRC को निरस्त करने की मांग पर राकेश टिकैत बोले – ‘ओवैसी और बीजेपी के बीच चाचा-भतीजे का रिश्ता, टीवी पर न करें ऐसी बातें’

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लखनऊ में महापंचायत से पहले बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी पर तंज कसा है. ओवैसी की सीएए और एनआरसी को निरस्त करने की मांग पर राकेश टिकैत ने कहा कि ओवैसी और बीजेपी के बीच ‘चाचा-भतीजे’ (चाचा-भतीजा) का रिश्ता है. उन्हें इस बारे में टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए. वह बीजेपी से इस संबंध में सीधे ही पूछ सकते हैं. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तीन दिन बाद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC-NPR) के फैसले को भी वापस लिया जाना चाहिए.

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने चेतावनी दी कि अगर सीएए और एनआरसी को खत्म नहीं किया गया तो प्रदर्शनकारी “सड़कों पर उतरेंगे और इसे शाहीन बाग में बदल देंगे”. ओवैसी ने रविवार को यूपी के बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “सीएए संविधान के खिलाफ है, अगर बीजेपी सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और यहां एक और शाहीन बाग बन जाएगा.”

संयुक्त किसान मोर्चा के तीखे तेवर
वहीं केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र लिखा और कहा कि जब तक सरकार उनकी छह मांगों पर वार्ता बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, नरमी का कोई संकेत न दिखाते हुए किसान संगठनों ने घोषणा की कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने संबंधी कानून के लिए दबाव बनाने के वास्ते सोमवार को लखनऊ में महापंचायत के साथ ही अपने निर्धारित विरोध प्रदर्शनों पर अडिग हैं.

कानून वापसी पर बुधवार को मीटिंग
उधर, सरकारी सूत्रों ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके. एसकेएम ने पत्र में तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले पर आभार जताया, हालांकि, कहा, ‘‘ 11 दौर की वार्ता के बाद, आपने द्विपक्षीय समाधान के बजाए एकतरफा घोषणा करने का रास्ता अपनाया.’’

किसान मोर्चा ने रखी हैं ये छह मांगें
मोर्चा ने छह मांगें रखीं, जिनमें उत्पादन की व्यापक लागत के आधार पर एमएसपी को सभी कृषि उपज के लिए किसानों का कानूनी अधिकार बनाने, लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनकी गिरफ्तारी के अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए स्मारक का निर्माण शामिल है.