भारत को सुपरपावर बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग में बड़ी उपलब्धियों की जरूरत: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

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    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा, भारत के पास सुपरपावर बनने की क्षमता है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य व उद्योग के क्षेत्रों में अहम उपलब्धियों की जरूरत है। इन क्षेत्रों में जितनी क्षमता हमारे देश में है, उसका अभी पूरा उपयोग नहीं हुआ है। राजनाथ ने आर्यभट्ट जैसे प्राचीन वैज्ञानिकों का जिक्र कर कहा है कि देश का स्वर्णिम इतिहास प्रेरणा से भरा है।

    आईआईएम रांची के दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, हमारा इतिहास बहुमूल्य पाठों का भंडार है। प्राचीन काल में भारत का गणित और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध में अभूतपूर्व योगदान था। आर्यभट्ट ने ही पृथ्वी के गोल होने और अपनी धुरी पर घूमने की पुष्टि की थी। उन्होंने यह काम मशहूर जर्मन खगोलविद कॉपरनिकस से करीब 1,000 साल पहले ही दुनिया को यह जानकारी दी थी।

    भारत के पास आर्यभट्ट के अलावा वाराहमिरि, ब्रह्मगुप्त, बोधायन, चरक, सुश्रुत, नागार्जुन और सवाई जयसिंह जैसे वैज्ञानिक रहे हैं। जब हम भारत को सुपरपावर बनाने की बात करते हैं तो इसका मतलब यह है कि देश के हर राज्य में विकास की क्षमताओं को बढ़ाना। देश के युवाओं में किसी भी चुनौती का सामना करने की योग्यता है। उन्होंने कहा, सफलता का रास्ता असफलता की गलियों से निकलता है। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो असफल न हुआ हो। उन्होंने कहा, रामानुजम जैसे महान गणितज्ञ भी बोर्ड में दो बार फेल हुए थे। उन्होंने नेल्सन मंडेला, स्टीव जॉब्स आदि हस्तियों का भी उदाहरण दिया।

    राजनाथ ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, छात्र न्यू इंडिया को बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। राजनाथ ने प्रबंधन के क्षेत्र में भी युवाओं की आवश्यकता पर जोर देते हुए आह्वान किया कि राष्ट्र से उन्हें जो मिला है, उन्हें राष्ट्र को लौटाने के लिए भी उसी ऊर्जा के साथ आगे आना चाहिए। युवा प्रबंधन के हर चरण में खरा उतरकर राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर रहें।