NEET-JEE के छात्रों की स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर काफी चिंताएं, सरकार सुने सबकी बात : राहुल गाँधी

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कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना की महामारी के बीच NEET-JEE परीक्षाओं के आयोजन को लेकर छात्रों की चिंताओं का स्‍वीकार्य समाधान तलाशने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है. उन्‍होंने यह भी कहा है कि सरकार को इस मामले से जुड़े सभी पक्षों की बात को गौर से सुनना चाहिए. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार NEET और JEE परीक्षा के आयोजन की तैयारी कर रही है जबकि छात्रों के स्‍वास्‍थ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए इसका विरोध हो रहा है. कांग्रेस, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस और बीजेडी सहित विभिन्‍न राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से संजीदगी से फैसला लेने का आग्रह किया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को इस मसले पर ट्वीट किया, ‘NEET-JEE के उम्‍मीदवार अपने स्‍वास्‍थ्‍य और भविष्‍य को लेकर चिंतित है. उनकी कुछ वास्‍तविक चिंताएं हैं-कोविड-19 संक्रमण का खतरा, महामारी के दौरान ट्रांसपोर्ट और लॉ‍जिंग को लेकर चिंता, असम और बिहार में बाढ़ का कहर.’ उन्‍होंने आगे लिखा, ‘भारत सरकार को सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में स्‍वीकार्य हल तलाशना चाहिए.’ राहुल गांधी ने इसी के साथ #AntiStudentModiGovt हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है.

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी इस मामले पर छात्रों के साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं. उन्होंने इससे पहले भी JEE और NEET को कोरोना संकट के मद्देनजर टालने की अपील की थी. अपने ट्वीट में उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को टैग करते हुए कहा था कि खतरे का आकलन करें और स्थिति के फिर से अनुकूल होने तक इन परीक्षाओं को स्थगित कर दें. यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें.’मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थाओं में एडमिशन के लिए होने वाली इन प्रवेश परीक्षाओं के होने में एक महीने से भी कम वक्त बचा है. सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद देश में परीक्षाएं कराने की तैयारियां चल रही हैं. हालांकि, इसका जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है.

आपको बता दें कि NEET-JEE की परीक्षाएं सितंबर के पहले सप्ताह में होनी हैं, जिसके लिए केंद्र की ओर से गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई हैं. इस परीक्षा में करीब 15 लाख छात्रों को हिस्सा लेना है, देश के अलग-अलग हिस्सों में परीक्षा केंद्र की संख्या को भी बढ़ाया गया है. बुधवार को ही इस मामले में शिक्षा मंत्रालय एक बैठक करने जा रहा है, ऐसे में हर किसी की नजरें टिकी हुई हैं कि परीक्षाओं को लेकर क्या फैसला होता है.