राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के बहाने सरकार पर साधा निशाना- कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना होगा

271
Rahul Gandhi

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के बहाने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला किया है. शनिवार को किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो कैप्शन में लिखा है- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा.

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कृषि कानून के मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाएगा.

राहुल गांधी ने इस मौके पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ‘भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है, अगर आपको लगता है कि यह है, तो यह अब बस आपकी कल्पनाओं में रह गया है.’

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि ‘भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया और जो लोग भी पीएम के खिलाफ खड़े होंगे, उन्हें आतंकवादी बता दिया जाएगा, चाहे वो संघ प्रमुख मोहन भागवत ही क्यों न हों.

राहुल ने कहा, ‘पीएम मोदी बस क्रोनी पूंजीपतियों के लिए पैसे बना रहे हैं. जो भी उनके खिलाफ खड़े होने की कोशिश करेगा, उसे आतंकी बोल दिया जाएगा- चाहे वो किसान हों, मजदूर हों या फिर मोहन भागवत ही क्यों न हों.’

वहीं केंद्रीय पर्यावरण एवं सूचना मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी को बहस के लिए खुली चुनौती दी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. मैं उन्हें बहस के लिए खुली चुनौती देता हूं. वो बताएं कि यह कानून किसानों के हित में अच्छा है या बुरा?

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे कुछ किसानों को उनके ‘राजनीतिक आकाओं’ ने गुमराह किया है और वे चीजों को ऐसे पेश कर रहे हैं कि जैसे किसान उनके साथ हैं.

कृषि कानूनों के विरोध को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जावड़ेकर ने कहा, ”वह पखवाड़े में एक बार ही तो लोगों के सामने आते हैं.”

उन्होंने कहा कि कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन देशभर में बहस का बड़ा विषय हो गया है, क्योंकि ”कुछ किसानों एवं उनके राजनीतिक आकाओं ने दिल्ली और उसके आसपास आंदोलन छेड़ा और यह दिखाया कि यह अखिल भारतीय आंदोलन है और भारत के किसानों के पक्ष में है. लेकिन सभी जगह किसान नये कानूनों से खुश हैं और किसान कल्याण योजनाएं जारी रहेंगी.”