जे पी नड्डा पर राहुल का करारा पलटवार, नड्डा कोई ‘हिंदुस्तान के प्रोफेसर’ तो हैं नहीं कि उनकी हर बात का जवाब दें

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा किए किए गए हमले पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि ‘कौन हैं नड्डा’। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि नड्डा कोई ‘हिंदुस्तान के प्रोफेसर’ तो हैं नहीं कि उनकी हर बात का जवाब दें। इससे पहले, नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर चीन, कृषि कानूनों और कोविड-19 के मुद्दों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में एक गांव बनाने संबंधी खबरों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर सवाल उठाए थे।

नड्डा के हमले के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भट्टा परसौल में नड्डा जी कहां थे? किसानों का कर्ज माफ करने की बात आई तो कांग्रेस खड़ी थी। भूमि अधिग्रहण कानून कांग्रेस सत्ता में रहते हुए लेकर आई। उस वक्त नड्डा जी कहां थे?’’ उन्होंने भाजपा अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘ये हैं कौन? क्या वह हिंदुस्तान के प्रोफेसर हैं कि उनकी हर बात का जवाब दूं? मैं हिंदुस्तान के लोगों और किसानों की बात का जवाब दूंगा।’’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘मैं साफ-सुथरा आदमी हैं। मैं नरेंद्र मोदी या किसी से नहीं डरता। ये मुझे छू नहीं सकते। हां, गोली मार सकते हैं। मैं देशभक्त हूं और देश की रक्षा करता हूं। आगे भी करता रहूंगा। पूरा देश एकतरफ होगा तो भी मैं अकेला खड़ा रहूंगा। मुझे फर्क नहीं पड़ता।’’

इससे पहले, नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘राहुल गांधी, उनका परिवार और कांग्रेस कब चीन पर झूठ बोलना बंद करेगी? क्या वह इस बात से इंकार कर सकते हैं कि अरुणाचल प्रदेश की जिस जमीन का वह जिक्र कर रहे हैं, वहां सहित हजारों किलोमीटर जमीन चीन को किसी और ने नहीं, बल्कि पंडित नेहरू ने भेंट कर दी थी? कांग्रेस चीन के समक्ष अक्सर क्यों घुटने टेक देती है?’’

भाजपा अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर किसानों को ‘‘उकसाने और गुमराह’’ करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सालों तक क्यों अटका रखा था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं बढ़ाया। उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘कांग्रेस की सरकारों के दौरान किसान दशकों तक गरीब क्यों रहा? जब वह विपक्ष में होते हैं तभी क्या उन्हें किसानों के प्रति सहानुभूति महसूस होती है।’’