कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 200 दिनों से जारी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा, भारी संकट के बावजूद सरकार की नीतियों में किसानों की चिंता नहीं दिखती। उन्होंने कहा, किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी आजीविका को बचाने की मांग कर रहे हैं। राहुल ने इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड के कॉफी उत्पादकों की पीड़ा के बारे में बताया गया है।
दरअसल नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान पिछले सात माह से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। गतिरोध समाप्त करने के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-दून हाईवे के छपार टोल प्लाजा पर चल रहा भाकियू का अनिश्चितकालीन धरना लगातार 33वें दिन भी जारी रहा। शनिवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह टिकैत ने धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि संगठन किसी भी तरह की हिंसा के पूरी तरह खिलाफ है। धरना चाहे कितना ही लंबा क्यों न चले, कार्यकर्ता किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव नहीं करेंगे। जब मांगें पूरी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता 26 मई से दिल्ली-दून हाईवे पर छपार टोल प्लाजा व सहारनपुर स्टेट हाईवे पर रोहाना टोल प्लाजा पर धरनारत हैं। कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग पर अडिग भाकियू कार्यकर्ता अपनी मांगे पूरी होने तक अनिश्चितकालीन धरने पर तेज गर्मी-बारिश के बीच भी डटे हुए हैं।
शनिवार को धरने का 32वां दिन रहा, जहां बड़ी संख्या में भाकियू कार्यकर्ता मौजूद रहे। राकेश टिकैत के पुत्र चरणसिंह टिकैत भी हरिद्वार से लौटते हुए धरनास्थल पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की।