बाइडेन-पुतिन शिखर बैठक में बड़ा फैसला, एक-दूसरे के देशों में अपने राजदूत बहाल करने को राजी हुए अमेरिका और रूस

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बुधवार को जिनेवा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शिखर बैठक हुई। इस बैठक का एक सबसे बड़ा सफल नतीजा यह रहा कि अब दोनों देशों ने अपने राजदूतों को उनके पदों पर वापस भेजने पर सहमति जताई है। इसके अलावा परमाणु हथियारों को सीमित करने वाले दोनों देशों के बीच आखिरी संधि को बदलने के लिए बातचीत शुरू करने पर भी सहमति बन गई है।

पुतिन ने कहा कि वार्ता के दौरान कोई कटुता नहीं थी जो उम्मीद से कम समय में खत्म हो गई। दोनों पक्षों ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक चार से पांच घंटे चलेगी लेकिन दोनों नेताओं के बीच बैठक तीन घंटे से भी कम समय चली। इसमें प्रारंभिक बैठक शामिल थी जिसमें दोनों राष्ट्रपति और दोनों के शीर्ष सहयोगी थे।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके बीच अपने राजदूतों को उनकी संबंधित तैनाती पर वापस भेजने पर सहमति बनी। दोनों देशों ने हाल के महीनों में संबंधों में गिरावट होने के चलते अपने शीर्ष राजदूतों को वाशिंगटन और मॉस्को से वापस बुला लिया था। अमेरिका में रूसी राजदूत अनातोली एंतोनोव को करीब तीन महीने पहले वाशिंगटन से वापस बुला लिया गया था जब बाइडेन ने पुतिन को हत्यारा कहा था। रूस में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन ने करीब दो महीना पहले मास्को छोड़ दिया था। पुतिन ने कहा कि आने वाले दिनों में राजदूतों के अपने पदों पर लौटने की उम्मीद है।

बैठक खत्म होने के बाद पुतिन ने अकेले ही संवाददाता सम्मेलन करके इसके परिणाम बताए जबकि बाइडेन ने अलग से संवाददाताओं को संबोधित किया। पुतिन ने स्वीकार किया कि बाइडेन ने उनके साथ मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाया, जिसमें विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी का मामला भी शामिल था। पुतिन ने नवलनी की जेल की सजा का बचाव किया और रूसी विपक्षी नेताओं के साथ दुर्व्यवहार को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर अमेरिका में घरेलू उथल-पुथल का उल्लेख किया जिसमें ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शन और 6 जनवरी को कैपिटोल पर हुई हिंसा शामिल है।