प्रशांत भूषण के खिलाफ 2009 के अवमानना केस में सुनवाई 10 सितंबर तक टली

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प्रशांत भूषण के खिलाफ 2009 अदालत की अवमानना मामले में चल रही सुनवाई फिलहाल टल गई है. सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच अब मामले की सुनवाई करेगी. मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अरूण मिश्रा की बेंच ने इसे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पास भेजा है. अब CJI नई बेंच का गठन करेंगे. सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा वो रिटायर हो रहे हैं अब अगली सुनवाई करने वाली उचित बेंच ये तय करेगी कि इस मामले को बडी बेंच के पास भेजा जा सकता है या नहीं. पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने 2009 में दिए अपने बयान पर खेद जताया था लेकिन बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी थी. उन्होंने कहा था कि तब मेरे कहने का तात्पर्य भ्रष्टाचार कहना नहीं था बल्कि सही तरीक़े से कर्तव्य न निभाने की बात थी. बताते चलें कि 2009 में एक इंटरव्यू में वकील भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के 8 पूर्व चीफ़ जस्टिस को भ्रष्ट कहा था.

इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सवाल तय किए थे. प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने कोर्ट द्वारा भूषण की ओर से जमा कराए गए 10 सवालों की जानकारी दी और कहा कि इस तरह के मामलों में स्पष्टता के लिए इन सवालों पर संविधान पीठ का विचार करना ज़रूरी है. इसके जवाब में जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा कि मेरे पास समय की कमी है. मैं कोर्ट का काम कर रहा हूं, तो क्या मेरे लिए इस मुद्दे पर (बड़ी बेंच के संदर्भ में) कॉल करना उचित है, यह भी एक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि मामले को CJI के पास भेजा जाए. CJI तय करेंगे कि बड़ी बेंच सुनेगी या यही बेंच. बता दें कि जस्टिस अरूण मिश्रा 2 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं.

अब करीब दस साल से लंबित इस अवमानना मामले की सुनवाई 10 सितंबर तक टल गई है. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा कि जज तो अस्थाई और कालब्द्ध होते हैं, लेकिन सीनियर एडवोकेट्स से सुसज्जित बार स्थाई होती है. फली नरीमन और परासरन जैसे अलंकृत वकीलों ने जितनी प्रक्स्टिस की है वो हमारे सेवा काल से कई गुना ज़्यादा है.