जम्मू-कश्मीर की अवाम ने इतिहास रच दिया। अनुच्छेद-370 और 35ए खत्म किए जाने के बाद सूबे में पहली बार हुए जिला विकास परिषद के चुनाव के नतीजे घोषित हो गए।बुधवार सुबह 9.30 बजे तक प्रदेश की 280 सीटों में से अभी तक 275 सीटों के परिणाम आ चुके हैं।भाजपा के हक में अब तक आये नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि कश्मीर की राजनीतिक फिजा भी अब बदल चुकी है। कश्मीरी अब विकास चाहता है और यही वजह है कि प्रदेश में भाजपा अभी तक 74 सीटें जीतने में कामयाब रही है । भाजपा करीब पांच लाख वोट हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी भी बनने में सफल रही।
नेशनल कांफ्रेंस 67, निर्दलीय 49, पीडीपी 27, कांग्रेस 26, जेकेएपी 12, जेकेपीसी 8, सीपीआइएम 5, जेकेपीएम 3, जेकेएनपीपी को 2 और पीडीएफ 2 व बीएसपी एक सीट जीतने में कामयाब रही है। आतंकवाद और मौसम की चुनौती के बावजूद इस चुनाव में मतदान से लेकर नतीजों तक मतदाताओं के जोश और सभी राजनीतिक दलों की उपस्थिति से जो लोकतंत्र की बयार बही, वह देश-दुनिया को बताने के लिए काफी है कि नया जम्मू-कश्मीर अब पैरों पर खड़ा होकर अपना मुस्तकबिल खुद लिखने को तैयार है। कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह नौ बजे प्रदेश के सभी 20 जिलों में मतगणना शुरू हुई। बैलेट से हुए मतदान के चलते गणना में समय लग रहा है।
पहली बार हुए हैं डीडीसी चुनाव :
प्रदेश में 70 वर्षो के इतिहास में पहली बार हुए जिला विकास परिषद चुनाव को सफल बनाकर बड़ी जीत हासिल करने वाले लोगों ने थ्री टियर पंचायती राज व्यवस्था कायम कर दी है। यही वजह रही कि लोगों के जोश को देखकर अलगाववादी चुनाव बहिष्कार की घोषणा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। वहीं, पंचायती चुनाव के पहले दो टियर के चुनाव का बहिष्कार करने वाले कश्मीर के दलों ने भी यू-टर्न लेकर न सिर्फ चुनाव में हिस्सा लिया बल्कि अपना राजनीतिक आस्तित्व भी बचा लिया।
जिला विकास परिषद चुनाव में सबसे अधिक उत्साह दिखाने वाली प्रदेश भाजपा पर वोटों की बरसात हुई है।
मतदान के लिए माइनस सात डिग्री तापमान में लाइन में लगे लोग :
जिला विकास परिषद की 280 सीटों के लिए मैदान में उतरे 2178 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए 30,003,45 मतों की गिनती हो रही है। यह चुनाव आठ चरणों में 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक चले। इस दौरान माइनस सात डिग्री तापमान में भी लोगों ने कतारों में लगकर मतदान किया। सुरक्षाबलों का योगदान भी सराहनीय रहा।