‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने दिया मंत्र- ‘नया तो पाना है लेकिन पुराना नहीं गंवाना है’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। मन की बात के 75वें संस्करण में पीएम मोदी ने पीछले साल लगाए गए जनता कर्फ्यू का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि देश के लोगों पहली बार जनता कर्फ्यी शब्द को सुना औऱ यह दुनिया के लिए अचरज बन गया। उन्होंने कहा कि इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र ‘दवाई भी – कड़ाई भी’जरुर याद रखिए।

मन की बात के दौरान, मैंने पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर अनेक बार बात की है, लेकिन लाइट हाउस पर्यटन के लिहाज से अनूठे होते हैं। अपनी भव्य संरचनाओं के कारण लाइट हाउस हमेशा से लोगों के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं: पीएम मोदी

पिछले साल इश समय तक यह सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी। हम सब के लिए यह गर्व की बात है कि आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान चला रहा है। मैं ट्विटर-फेसबुक पर देख रहा हूं कि लोग अपने घर के बुजुर्गों को वैक्सीन लगवाने के बाद उनकी फोटो शेयर कर रहे हैं।

देश की बेटियां आज हर जगह अपनी अलग पहचान बना रही है। वे खेलों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। अभी हाल ही में मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं। उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई: पीएम मोदी

हमारे कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना। आपको अंदाजा नहीं है कोरोना योद्धाओँ के दिल को कितना छू गया था। यही कारण है जो पूरे साल भर वो बिना थके, बिना रुके अपने काम में डटे रहे।

पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था, लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर के जरुर गर्व करेंगी: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने 14 मार्च को जनता से मन की बात के लिए विचारों और सुझाव मांगे थे। इस वर्ष के तीसरे मन की बात कार्यक्रम के लिए उन्होंने लोगों से प्रेरक अनुभव साझा करने को कहा था। ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ’28 मार्च को इस साल के तीसरे मन की बात का प्रसारण होगा। रोचक बातों एवं पूरे देश से जीवन के प्रेरक प्रसंगों को सामने लाने का एक और अवसर है। आप अपने विचारों को माईगव या नमो एप पर साझा करें या अपना संदेश रिकार्ड करें।’