लोकसभा में हंगामे पर पीएम मोदी बोले- दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को मंत्री नहीं देखना चाहता विपक्ष

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा में मंत्रिपरिषद के नए सदस्यों का परिचय कराने के दौरान सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए।

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन नए मंत्रियों का सदन में परिचय देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही खड़े हुए, विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। सदन में कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘मैं सोच रहा था कि सदन में एक उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद मंत्री बनी हैं। आज खुशी का माहौल होगा कि आदिवासी साथी बड़ी संख्या में मंत्री बने हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसान परिवार और ग्रामीण परिवेश से आने वाले, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समाज से आने वालों को बड़ी संख्या में मंत्रिपरिषद में स्थान मिला है, उनके परिचय में खुशी होनी चाहिए थी। मोदी ने कहा कि दलित मंत्री बनें, महिला मंत्री बनें, ओबीसी मंत्री बनें, किसान परिवारों के लोग मंत्री बनें। शायद यह बात कुछ लोगों को रास नहीं आती, इसलिए वे उनका परिचय भी नहीं होने देते। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि मंत्रियों का परिचय हो गया समझा माना जाए।

लोकसभा अध्यक्ष ने की शांति बनाए रखने की अपील
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि परंपराओं को न तोड़ें। आप लंबे समय तक शासन में रहे हैं। आप परंपरा को तोड़कर सदन की गरिमा को कम नहीं करें। इस सदन की गरिमा को बनाए रखें। प्रधानमंत्री जी सदन के नेता हैं और फेरबदल के बाद मंत्रिपरिषद का परिचय करा रहे हैं। आप सदन की गरिमा को बनाए रखें।’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांति से नए मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की।

इसके बाद बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन के पटल पर मंत्रियों के परिचय की सूची रख सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पटल पर रखता हूं।’’ बता दें कि गत सात जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार हुआ था।

सार्थक बहस के लिए सरकार तैयार: पीएम
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए सोमवार सुबह संसद पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संसद का मानसून सत्र सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो क्योंकि जनता कई मुद्दों पर जवाब चाहती है और इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से तीखे से तीखे सवाल पूछने को कहा, लेकिन साथ ही आग्रह किया कि शांत वातावरण में वह सरकार को जवाब देने का मौका भी दें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के मुद्दे पर वह सभी मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों से चर्चा करते रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में सदन के नेताओं से भी चर्चा करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र परिणामकारी हो और सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो। जनता जवाब चाहती है और सरकार की भी जवाब देने की तैयारी है।

पीएम मोदी ने कोरोना महामारी, वैक्सीन और संसद सत्र को लेकर बात की। पीएम ने कहा कि टीका बाहु (बांह) में लगाया जाता है, जो इसे लेता है वह ‘बाहुबली’ बन जाता है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 40 करोड़ से ज्यादा लोग ‘बाहुबली’ बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप भी वैक्सीन लगवा कर बाहुबली बनें। पीएम ने कहा कि सभी माननीय तीखे से तीखे सवाल पूछें ताकि जनता को उसके सवालों का जवाब मिल सके। साथ ही अपील की कि धारदार सवाल पूछें, लेकिन सरकार को जवाब देने का मौका भी दें।  

प्रधानमंत्री मोदी ने टीका लगाने वालों को ‘‘बाहुबली’’ करार दिया और कहा कि अब तक 40 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है और आगे भी यह सिलसिला तेज गति से जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना ऐसी महामारी है, जिसकी चपेट में पूरा विश्व और मानव जाति है। हम चाहते हैं कि इस संदर्भ में संसद में सार्थक चर्चा हो ओर प्राथमिकता के आधार पर हो। सारे सांसद का सुझाव भी मिले। इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत नयापन भी आ सकता है ओर यदि कमियां रह गई हो तो उन्हें ठीक भी किया जा सकता है।