PM मोदी की बैठक से निकलने पर ममता बनर्जी को बीजेपी ने घेरा, नड्डा बोले- अहंकार अलग रखना चाहिए

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Mamata Banerjee

राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं हैं, संस्था हैं। दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए प्रधानमंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार पीड़ादायक है। जनसेवा के संकल्प और संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनीतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को आहत करने वाला है।

वहीं, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि चक्रवात यास से हुए नुकसान के आकलन के लिए प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) और अधिकारियों ने हिस्सा नहीं लिया। इस तरह का बहिष्कार संविधान और संघवाद के अनुरूप नहीं है। निश्चित तौर पर ऐसे कार्यों ने न तो सार्वजनिक हित और न राज्य हित की सेवा हुई है।

ममता ने जनकल्याण से ऊपर अहंकार को रखा: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि बनर्जी ने जनकल्याण से ऊपर अहंकार को रखा। शाह ने कहा, ‘ममता दीदी का आज का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है। चक्रवात यास के कारण बहुत सारे नागरिक प्रभावित हुए हैं और समय की मांग है कि प्रभावितों की मदद की जाए। दुखद है कि दीदी ने जनकल्याण के ऊपर अहम को रखा और आज के इस ओछे व्यवहार में यह दिखता है।

नड्डा बोले, ममता ने की सहकारी संघवाद की ‘हत्या’
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को बहुत पवित्र मानते हुए उसका पालन करते हैं। वह लोगों को राहत देने के लिए दलगत भावना को पीछे छोड़ सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहे हैं लेकिन अप्रत्याशित तरीके से ममता बनर्जी की नीति और क्षुद्र राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को परेशान किया है। उन्होंने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं तो उचित होता कि ममता बनर्जी लोगों के कल्याण के लिए अपने अहम को विसर्जित कर देतीं। प्रधानमंत्री की बैठक से उनका नदारद होना संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या है।’

आज लोकतांत्रिक धरोहर का काला दिन: जावड़ेकर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज का दिन भारत की लोकतांत्रिक धरोहर में एक एक काला दिन है। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री और बंगाल की जनता का अपमान किया है। उनके इस शर्मनाक व्यवहार ने सहकारी संघवाद और हमारे संवैधानिक मूल्यों की भरपाई ना किए जाने वाला नुकसान पहुंचाया है।’