क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ की तरह जवाब देंगी : पी. चिदंबरम

350
FILE PHOTO

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ‘दैवीय घटना’ (ऐक्ट ऑ गॉड) वाले बयान को लेकर उनपर निशाना साधा है. चिदंबरम ने कुछ देर पहले एक के बाद एक, कई ट्वीट किए और सरकार से सवाल पूछे. चिदंबरम ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ‘अगर ये महामारी दैवीय घटना है तो हम 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का वर्णन कैसे करेंगे? क्या वित्त मंत्री मैसेंजर ऑफ गॉड के तौर पर जवाब देंगी.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘मोदी सरकार द्वारा जीएसटी मुआवजा अंतर को कम करने के लिए राज्यों को दिए गए दो विकल्प अस्वीकार्य हैं. पहले विकल्प में राज्यों को मुआवजा उपकर के तहत अपने भविष्य की प्राप्तियों को गिरवी रखकर उधार लेने के लिए कहा जाता है. वित्तीय बोझ पूरी तरह से राज्यों पर पड़ता है.’

चिदंबरम ने लिखा, ‘दूसरे विकल्प के तहत, राज्यों को RBI विंडो से उधार लेने के लिए कहा जाता है. यह अधिक बाजार उधार है, केवल एक अलग नाम से. फिर से सारा वित्तीय बोझ राज्यों पर पड़ता है. केंद्र सरकार किसी भी वित्तीय जिम्मेदारी से खुद को दूर कर रही है. ये घोर विश्वासघात है और साथ ही कानून का सीधा उल्लंघन भी.’

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी, ‘त्रुटिपूर्ण जीएसटी’ और ‘विफल लॉकडाउन’ के कारण अर्थव्यवस्था तबाह हो गई. उन्होंने वित्त मंत्री के बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘भारत की अर्थव्यस्था तीन कदमों- नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और विफल लॉकडाउन के कारण तबाह हो गई. इसके अलावा दूसरी बातें झूठ हैं.’

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते गुरुवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक दैवीय घटना है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आएगा. चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से जीएसटी क्रियान्वयन के कारण जो क्षतिपूर्ति बनती है, केंद्र उसका भुगतान करेगा.