राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करने पर विपक्षी दलों पर रविशंकर का बयान , ‘देश के लिए वे किस तरह की परंपरा स्थापित कर रहे

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बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुक्रवार को हुई। इस दौरान सभी विपक्षी दलों ने विरोध जताया और नारेबाजी की। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union Minister Ravi Shankar Prasad) ने शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों विशेषकर कांग्रेस (Congress) की निंदा की। कृषि कानूनों को रद करने की मांग के साथ किसानों के समर्थन में हुई इस नारेबाजी को रविशंकर प्रसाद ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) द्वारा संसद में दिए गए अभिभाषण का बहिष्कार करने को लेकर उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया, ‘देश के लिए वे किस तरह की परंपरा स्थापित कर रहे हैं?’

राष्ट्रपति के संबोधन के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वो हमारे राष्ट्रपति हैं और हमें उनका सम्मान करना चाहिए। यह बड़े दुख की बात है कि विपक्ष ने उनका बहिष्कार किया लेकिन उससे भी अधिक कांग्रेस की गैरजिम्मेदाराना रवैया सामने आया जो करीब 50 सालों तक देश की सत्ता में रही है और अब भी देश के कई राज्यों में इसकी सरकार है।’ कांग्रेस पंजाब लोकसभा के सांसद रवनीत बिट्टू (Ravneet Bittu) की ओर इशारा करते हुए रविशंकर ने कहा, ‘उनकी पार्टी के एक सदस्य सेंट्रल हॉल के भीतर नारेबाजी कर रहे थे वहीं AAP सदस्य भगवंत मान भी हंगामा करने की कोशिश में थे।’ उन्होंने कहा कि भाजपा भी लंबे समय तक विपक्ष की भूमिका में रही। ‘हम यूपीए सरकार के अच्छे और गलत कामों को लेकर प्रतिक्रिया देते थे लेकिन कभी राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार नहीं किया।’

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति राजनीतिक मतभेदों से अलग हैं। वे संवैधानिक प्रमुख हैं। उनके संबोधन और उनका सम्मान लोकतंत्र के तहत बेहतर प्रयास है। देश पर 50 सालों तक शासन करने वाले कांग्रेस और विपक्ष ने इसका बहिष्कार किया। वे किस परंपरा की स्थापना कर रहे हैं?’

बता दें कि राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनिवाल ने पोस्टर लहराया और नारेबाजी की। वे तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘कृषि कानूनों को रद किया जाना चाहिए। हमने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और किसानों के समर्थन में नारे लगाए। हमें सेंट्रल हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। किसानों को देशद्रोही कहा गया इसलिए हमने विरोध किया।’ सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘किसानों को इस ठंड में पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले झेलने पड़े। ये तीनों कानून वापस होने चाहिए। इसके लिए आज हम लोगों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और वहां नारे लगाए। हम लोगों को सेंट्रल हॉल में नहीं घुसने दिया गया।’