ओडिशा-बंगाल में कहर बरसाने के बाद झारखंड पहुंचा चक्रवात यास, भारी बारिश का अलर्ट

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    बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास ने भारी तबाही मचाई है। यास के तांडव से सैकड़ों तटीय गांवों में पानी भर गया और लाखों घर उजड़ गए। इससे पश्चिम बंगाल में तीन और ओडिशा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिर्फ बंगाल में ही यास से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश से ओडिशा-बंगाल के कई जिले जलमग्न हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ गया और सैकड़ों तटबंध टूट गए। राहत एवं बचाव दल लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटे हैं।

    तूफान के बाद राहत कार्य के लिए सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमों ने कमर कस ली है। गांवों से पानी निकाला जा रहा है। टूटकर गिरे पेड़ों को हटाकर रास्ता खोलने का काम भी शुरू हो गया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि बंगाल में प्रशासन की मदद के लिए 17 कॉलम राहत सैनिकों को मोेर्चे पर लगाया है। इन सैनिकों ने दीघा में फंसे 32 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बिजली के टूटे खंभों की मरम्मत का काम भी तेजी से चल रहा है ताकि प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल हो सके।

    चक्रवात यास के चलते ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में 128 गांवों ज्वार-भाटा और बारिश का पानी भरा हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रभावित परिवारों के लिए सात दिन की राहत की घोषणा की। पटनायक ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि चक्रवात से प्रभावित सभी प्रमुख सड़कों की मरम्मत की जाए और अगले 24 घंटों के भीतर प्रभावित जिलों में 80 प्रतिशत बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाए।

    विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि उन 128 गांवों के लोगों को सात दिनों तक पका हुआ भोजन या खाना पकाने की सामग्री और सूखा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय पंचायत निकाय और ब्लॉक स्तर के अधिकारी इसकी व्यवस्था करेंगे। इन गांवों से सड़क संपर्क टूटा हुआ है क्योंकि इन्हें जोड़ने वाली सड़कों पर पानी अभी भी बह रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभागों की 605 सड़कों में से 495 का मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, जबकि शेष का कार्य 24 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा