नीति आयोग ने कहा- भारत की इस वित्त वर्ष में होगी डबल डिजिट ग्रोथ, विनिवेश के लिए माहौल बेहतर

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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि काफी मजबूत है और विनिवेश का माहौल बेहतर हुआ है. कुमार ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश कोविड-19 की किसी संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है. साथ ही राज्यों ने भी पिछली दो लहरों के दौरान महामारी से निपटने के सबक सीखे हैं.

कुमार ने कहा कि उम्मीद है कि अब हम महामारी को पीछे छोड़ रहे हैं. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रवेश के साथ ही आर्थिक गतिविधियां बेहतर होंगी. विभिन्न उदाहरण मसलन आवागमन आदि में तेजी इसी का संकेत दे रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी का बुरा असर पड़ा है और दूसरी लहर की वजह से अर्थव्यवस्था की रिकवरी पर असर हुआ है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भरोसा जताया कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी काफी मजबूत है और जिन एजेंसियों या संगठनों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को घटा दिया था, उन्हें संभवत: इसे संशोधित कर अब बढ़ाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था दो संख्या में (दस फीसदी या उससे ज्यादा की) वृद्धि दर्ज करेगी.

बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आई है. रेटिंग एजेंसियों में S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 11 से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है. फिच रेटिंग्स ने भी वृद्धि दर के अनुमान को 12.8 से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है.

रेटिंग एजेंसियों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच रिकवरी की रफ्तार सुस्त पड़ने की वजह से अपने वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या निजी निवेश रफ्तार पकड़ेगा, कुमार ने कहा कि इस्पात, सीमेंट और रियल एस्टेट जैसे कुछ क्षेत्रों में क्षमता विस्तार पहले ही उल्लेखनीय निवेश देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र में संभवत: अधिक समय लगेगा, क्योंकि महामारी को लेकर अनिश्चितता की वजह से अभी ग्राहक असमंजस में हैं. संभावित तीसरी लहर के बारे में पूछे जाने पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार किसी संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए अधिक बेहतर स्थिति में है. उनका मानना है कि तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव दूसरी लहर या पहली लहर की शुरुआत की तुलना में सीमित रहेगा.

कुमार ने कहा कि सरकार की तैयारियां काफी उल्लेखनीय हैं और साथ ही राज्यों ने भी महामारी से निपटने का अपना सबक सीखा है. सरकार ने हाल में 23,123 करोड़ रुपये की घोषणा की है. इसके जरिये सरकार मुख्य रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे को मजबूत करेगी.

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार चालू वित्त वर्ष के विनिवेश के लक्ष्य को हासिल कर पाएगी, कुमार ने कहा कि दूसरी लहर के बावजूद बाजार काफी मजबूत हैं. इस समय वह नई ऊंचाई पर है.

सरकार द्वारा धन जुटाने के लिए कोविड बॉन्ड जारी करने के बारे में कुमार ने कहा कि आप इसे कोई भी नाम दे सकते हैं. अगर सरकार को पूंजीगत खर्च के लिए अधिक धन जुटाने की जरूरत होगी तो वह ऐसा कर सकती है. इससे अधिक निजी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी.