राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना: बुनियादी ढांचा योजनाओं पर खर्च के लिए चार साल का रोडमैप तैयार

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सरकार ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के जरिये बुनियादी ढांचा योजनाओं पर खर्च के लिए पैसे जुटाने का चार साल का रोडमैप बनाया है। इस योजना से सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों में निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ेगा और रोजगार के मौके भी पैदा होंगे। विदेशी निवेशकों को भी मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा। 

फिक्की ट्रांसपोर्ट इन्फ्रा पैनल के को-चेयरमैन शैलेश पाठक ने बताया कि बुनियादी ढांचा परियोजना और बुनियादी ढांचा संपत्तियां अलग-अलग हैं। बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक ऐसी संपत्तियों में पैसे लगाने की मंशा रखते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पिछले 24 महीने में टोल ऑपरेट ट्रांसफर के जरिये 17,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

इसके अलावा 5 हजार करोड़ रुपये बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट से भी मिला है। योजना में हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ने भी पिछले कुछ महीनों में करीब 7,700 करोड़ रुपये की पूंजी जुटा ली है। लिहाजा इसमें कोई संशय नहीं कि यह योजना निजी क्षेत्र से बड़ा निवेश खींचने में कामयाब होगी। सरकार ऐसी संपत्तियों को निजी क्षेत्र या विदेशी कंपनियों को सौंपेगी, जिनका सुचारू संचालन वह खुद नहीं कर पा रही है। इस तरह, संपत्तियों से कमाई राशि में सरकार को भी हिस्सा मिलेगा। 

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि योजना में हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। 2021-22 में मुद्रीकरण के जरिये 88 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। योजना से जुटाई राशि का इस्तेमाल बुनियादी ढांचा क्षेत्र को मजबूत बनाने में होगा, जिससे हर साल लाखों रोजगार भी पैदा किए जा सकेंगे।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, चूंकि मुद्रीकरण की जिम्मेदारी हमें दी गई है। लिहाजा मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस योजना में किसी भी संपत्ति को बेचा या उसका निजीकरण नहीं किया जाएगा। यह पूरी तरह अनुबंध के आधार पर काम करेगा और जनता तक संपत्तियों से जुड़ी सेवाएं पहुंचाने का काम सरकार करेगी। 

किस क्षेत्र से कितना धन मिलेगा
सड़क : 26,700 किलोमीटर के राजमार्ग और सड़कों को ठेके पर देकर 1.6 लाख करोड़ जुटाएंगे। 

रेलवे : 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री ट्रेनें, 741 किलोमीटर का कोंकण रेलमार्ग और 15 रेलवे स्टेडियम व कॉलोनी के जरिये 1.2 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य

ऊर्जा : 28,608 सर्किट किलोमीटर की बिजली आपूर्ति लाइन के बदले 45,200 करोड़ व 6 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन संपत्तियों के बदले 39,832 करोड़ रुपये मिलेंगे। 

दूरसंचार : 2.86 किलोमीटर के भारतनेट फाइबर, बीएसएनएल और एमटीएनएल के 14,917 सिग्नल टॉवर के मुद्रीकरण से 35,100 करोड़ जुटाने का लक्ष्य

खनन : 160 कोयला खदानों के बदले 29,000 करोड़ 

भंडारण : एक दर्जन से ज्यादा भंडारगृहों से भी 29,000 करोड़ मिलने की उम्मीद

गैस : 8,154 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के मुद्रीकरण से 24,462 करोड़ और 3,990 किलोमीटर अन्य पाइपलाइन से 22,504 करोड़ जुटाने का लक्ष्य

हवाईअड्डे : 25 हवाईअड्डों से 20,782 करोड़ 

बंदरगाह : दर्जनों बंदरगाहों के बदले 12,828 करोड़ मिलेंगे

स्टेडियन : दिल्ली, बंगलूरू के स्टेडियम ठेके पर देकर 11,450 करोड़ मिलेंगे

एनएमपी योजना के तहत दिल्ली की आवासीय कॉलोनियों को पुनर्विकसित कर 15 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। योजना के तहत सरोजिनी नगर, नौरोजी नगर और घटोरणी में 240 एकड़ भूमि पर आवासीय और वाणिज्यिक इकाइयां विकसित की जाएंगी।