कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा- नए कृषि सुधारों वाले कानूनों से बिचौलियों से मिली आजादी

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केंद्र में मोदी सरकार के कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद से अगर किसानों से एक इंच जमीन छीनने का भी मामला सामने आया तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि यह कोरी अफवाह फैलाई जा रही है कि अगर किसान कांट्रैक्ट फार्मिंग करेंगे तो उनकी जमीनें छीन ली जाएंगी। जबकि सच्चाई यह है कि नए कानून में जमीन का कोई जिक्र तक नहीं है।

कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा। कृषि पैदावार पर ही होगा करार

कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने बुधवार को संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों में इस बात का जिक्र है कि कृषि पैदावार पर ही करार होगा। इसके अलावा अन्य किसी और वस्तु या बात पर करार नहीं होगा। जमीन के सौदे या करार का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

पीएम फसल बीमा योजना से आठ करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान कहा कि करीब 22.5 करोड़ लोगों को मोदी सरकार ने सोशल हेल्थ कार्ड मुहैया कराए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आठ करोड़ लोगों को बीमा का लाभ मिलेगा। पीएम-किसान योजना के तहत करीब 10.45 करोड़ लोगों को लाभ हुआ है।

नए कृषि सुधारों वाले कानूनों से बिचौलियों से मिली आजादी

चौधरी ने कहा कि नए कृषि सुधारों वाले कानूनों से बिचौलियों से आजादी मिल गई है। अब वह अपने उत्पाद या फसलों को कहीं भी बेच सकते हैं।

सान्याल ने कहा- सरकार तीन नए कृषि कानूनों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध

इन कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार तीन नए कृषि कानूनों को उसकी मूल भावना के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि वे विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने श्रम कानूनों में भी बदलाव किया है। दर्जनों श्रम कानूनों की जगह अब चार श्रम संहिताएं बनायी गई हैं। ये आधुनिक श्रम संहिताएं हैं। सान्याल वैचारिक संस्थान पब्लिक अफेयर्स फोरम आफ इंडिया द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

नए कृषि कानून छोटे किसानों के लिए अच्छे हैं

उन्होंने कहा, ‘हमने बहुत सारे अनावश्यक नियमों को हटा दिया .. यही बात हमने कृषि कानूनों के साथ की। इन कानूनों पर 20-30 वर्षो से बहस चल रही है .. किसानों के कुछ वर्गो के लिए इसे और अधिक सुचारू बनाने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर हम इन कृषि कानूनों को उसकी मूल भावना के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि वे विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए अच्छे हैं।’ उन्होंने कहा कि इन कानूनों में कृषि उपजों का एक एक बाजार बनाने की छूट है क्योंकि कोई भी नहीं चाहेगा कि उनके उत्पादों को एक विशेष मंडी के माध्यम से ही बेचा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा मंडियां खत्म नहीं होने वाली हैं। वे बनी रहेंगी और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी।

कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं

हालांकि, इन तीन कानूनों-किसानों के उत्पाद का व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसानों के (सशक्तीकरण और संरक्षण) का समझौता अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020- को वापस लिए जाने की मांग को लेकर दर्जनों किसान यूनियनें दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रही हैं।