वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण – अब स्थाई रूप से होनी चाहिए GST राजस्व संग्रह में वृद्धि

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि हाल के महीनों में राजस्व संग्रह में वृद्धि अब स्थाई रूप से होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही जीएसटी धोखाधड़ी से निपटने के लिए कर अधिकारियों की तारीफ की। जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है।

उन्होंने कहा कि लगातार आठ महीनों से जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी राजस्व संग्रह देखा गया। सीतारमण ने कहा, ‘पिछले साल सुविधा और प्रवर्तन दोनों क्षेत्र में सराहनीय काम किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले डीलरों और आईटीसी के कई मामले दर्ज किए गए। हाल के महीनों में बढ़ा हुआ राजस्व संग्रह अब स्थाई रूप से होना चाहिए।’

वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच जीएसटी कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और करदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र और राज्य, दोनों के कर अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कोई भी सुधार बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

वित्त मंत्रालय 54,000 से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और कर का नकद भुगतान करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा। पहचान किए गए इन करदाताओं में 88 फीसदी से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है। इसमें सूक्ष्म (36 फीसदी), लघु (41 फीसदी) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 फीसदी) शामिल हैं। ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं। केंद्रिय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा।

मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं। जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है। इस दौरान जीएसटी राजस्व में धीरे धीरे वृद्धि होती रही और पिछले आठ महीने से यह लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। देश में एक जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई। अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तौर पर इस व्यवस्था को शुरू किया गया। जीएसटी में केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगाने वाले उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 तरह के करों को समाहित किया गया है।

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के एक दर्जन से अधिक शीर्ष अधिकारियों को स्थानांतरण और नई नियुक्ति का आदेश दिया गया है, जिसके तहत उन्हें देश भर में आयकर विभाग के विभिन्न मूल्यांकन रेंज और विशेष प्रभाग का प्रमुख बनाया गया है। सीबीडीटी ने बुधवार देर रात प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त और आयकर के प्रमुख महानिदेशक जैसे वरिष्ठतम रैंक के कुल 19 अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया। यह आदेश भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 1984 (केवल एक अधिकारी), 1986 (9) और 1987 (9) बैच के अधिकारियों के लिए हैं। इनमें से 14 को पदोन्नति पर नई पोस्टिंग दी गई है, जबकि बाकी को स्थानांतरित कर दिया गया है।