अभी-अभी सपा में शामिल हुए रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा- भाजपा को ब्राह्मणों से एलर्जी है क्या?

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बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में आगमगढ़ की चुनावी रैली में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. जानकारी के अनुसार मयंक लखनऊ की कैंट सीट से टिकट मांग रहे थे. लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, वो इससे काफी नाराज थे. बीजेपी ने लखनऊ कैंट सीट से वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है. मयंक जोशी ने समाचार एजंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में उन्होंने अपने बीजेपी छोड़ने की वजह बताई है. उन्होंने काह कि बीजेपी में ब्राह्मणों के साथ भेदभाव होता है.

मयंक ने कहा कि वो सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रोग्रसिव सोच से प्रभावित होकर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने चुनाव में विकास, महिला सुरक्षा, एमएसपी, किसानों, युवाओं, लैपटॉप और टैबलेट की बात की. वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष से देखिए कि क्या बाद हो रही है. उन्होंने कहा कि जो आदमी विकास और प्रदेश को आगे ले जाने की बात के, एक युवा होने के नाते हमें उसके साथ खड़े होना चाहिए.

उनका कहना था कि काफी सोच विचार के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का फैसला किया. मयंक ने कहा कि उत्तर प्रदेश का भविष्य अखिलेश यादव के हाथों में सुरक्षित है. वहीं बीजेपी की ओर से सपा पर लगाए गए परिवारवाद के आरोपों पर मयंक ने बीजेपी नेताओं की एक सूची गिनाते हुए कहा परिवारवाद बीजेपी में है. उन्होंने चुनाव के सहप्रभारी अनुराग ठाकुर, राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, पूर्व सीएम कल्याण सिंह के परिवार, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मोहनलालागंज के सांसद के परिवार और गोंडा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे का नाम गिनवाया. उन्होंने कहा कि परिवारवाद सलेक्टिव वहीं हो सकता, सबके लिए एकसमान नियम होने चाहिए

इसी के साथ उन्होंने एक और सूची गिनवाई. उन्होंने कहा कि ये उन नेताओं की है जिन्होंने अपने बेटे-बेटियों के लिए विधानसबा चुनाव के टिकट की मांग की थी. इसमें उन्होंने अपनी मां रीत बहुगुणा जोशी, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, सत्यदेव पचौरी और विधानसबा अध्यश्र हृदयनारायण दीक्षित का नाम गिनवाया. उन्होंने कहा कि इनमें से किसी को भी बीजेपी ने टिकट नहीं दिए. लेकिन अन्य जाति-वर्ण के लोगों के साथ ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि बीजेपी से पूछा जाना चाहिए कि क्या आपको ब्राह्मणों से एलर्जी है?