ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख मौलाना राबे हसनी नदवी का निधन, अखिलेश-मायावती ने जताया शोक..

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख मौलाना राबे हसनी नदवी का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 94 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जानकारी के मुताबिक, उन्हें इलाज के लिए रायबरेली से लखनऊ लाया गया था, जहां डालीगंज के नदवा मदरसा में उनकी मौत हो गई. मौलाना राबे हसनी नदवी का 1 अक्टूबर 1929 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली के तकिया कलान में हुआ था. वह एक इस्लामिक स्कॉलर थे. नदवी दारुल उलूम नदवतुल उलमा के आठवें चासंलर थे. वह साल 2000 में इस पद पर काबिज हुए थे. इसके अलावा मौलाना राबे हसनी नदवी अलामी रबीता अदब-ए-इस्लामी, रियाद (केएसएए) के वाइस प्रेसिडेंट थे.

दरअसल मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन की खबर सुनकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने भी शोक व्यक्त किया सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर हज़रत मौलाना राबे हसनी नदवी साहब का इंतकाल, बेहद दुःखद। दिवंगत आत्मा को शांति दे ईश्वर। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं। भावभीनी श्रद्धांजलि !

वही बसपा संरक्षक मायावती ने ट्वीट कर कहा की लखनऊ के विश्व विख्यात दारुल उलूम नदवातुल उलेमा के प्रमुख, आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष व मौलाना अली मियाँ के करीबी सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी के आज इंतकाल की खबर अति-दुःखद। उनके परिवार तथा दुनिया भर में रहने वाले उनके तमाम चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

बता दें कि नदवी को 2002 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था. नदवी 1952 में नदवतुल उलमा लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर बने. इसके बाद 1955 में वह अरबी विभाग के प्रमुख बने. वहीं, 1970 में अरबी डिपार्टमेंट के डीन बने. अरबी भाषा और साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय परिषद उत्तर प्रदेश की तरफ से पुरस्कार से नवाजा गया था. इसके अलावा उन्हें एक राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. नदवी 1993 में नदवतुल उलमा के वाइस चांसलर बने थे. वहीं, अबुल हसन अली नदवी के निधन के बाद 2000 में उन्हें नदवतुल उलमा का चांसलर बनाया गया था.