उद्धव सरकार में दरार! प्रमोशन में आरक्षण और रिफाइनरी के मुद्दे पर अड़ी कांग्रेस, कैबिनेट मीटिंग आज

208

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में भले ही ऊपरी तौर पर सब सामान्य दिख रहा हो, लेकिन अंदरखाने गठबंधन के तीनों दलों में तलवारें खिंची हैं। खासतौर पर शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से प्रमोशन में आरक्षण पर रोक और नानर ऑइल रिफाइनरी के प्रोजेक्ट को ठप करने का कांग्रेस ने विरोध किया है। इस बीच गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग होने वाली है और इसमें कांग्रेस के नेताओं की ओर से दोनों मुद्दों को उठाया जा सकता है। अटकलें इस बात की भी लग रही हैं कि यदि शिवसेना इन मुद्दों पर सहमत नहीं होती है तो कांग्रेस सरकार से अलग हो सकती है। हालांकि हिंदुस्तान से बात करते हुए सीनियर कांग्रेस लीडर बालासाहेब थोराट ने ऐसी अटकलों को खारिज किया है।

थोराट ने कहा, ‘कांग्रेस ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है, लेकिन समर्थन वापस लेने की धमकी नहीं दी है।’ उन्होंने कहा कि प्रमोशन में रिजर्वेशन को हटाने पर सरकार ने अपनी नाराजगी पहले ही जाहिर कर दी है। इस मुद्दे को अब कैबिनेट मीटिंग में एक बार फिर से उठाया जा सकता है। राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत इस मुद्दे पर ज्यादा आक्रामक हैं। उनका कहना है कि प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने और रिक्त सरकारी नौकरियों को सीनियरिटी से भरने का 7 मई का राज्य सरकार आदेश तत्काल रद्द होना चाहिए। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कोंकण की नानर ऑइल रिफाइनरी पर काम आगे बढ़ाने की सलाह दी है। रत्नागिरी जिले में ताऊते चक्रवात से हुए नुकसान का जायजला लेने पहुंचे नाना पटोले ने कहा कि यह प्रोजेक्ट जिले के अलावा पूरे कोंकण क्षेत्र के लिए लाभदायक होगा। बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे इस प्रोजेक्ट को स्थगित करने की बात कर चुके हैं।

रिफाइनरी प्रोजेक्ट के पक्ष में उतरी कांग्रेस, शिवसेना कर चुकी है रोकने का ऐलान
पटोले ने कहा, ‘इस प्रोजेक्ट के चलते मछुआरों को कुछ समस्या हो सकती है, जिनका समाधान किया जा सकता है। कई उद्योगपतियों ने सस्ते दामों में लोगों से उनकी जमीन ले ली है। इस मुद्दे को भी निपटाना चाहिए। एक बार यह मुद्दा निपट जाए तो फिर नानर ऑइल रिफाइनरी पर काम शुरू होना चाहिए।’ इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे ने भी सीएम को पत्र लिखकर मांग की थी कि इस प्रोजेक्ट को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। बीते एक महीने में महाविकास अघाड़ी सरकार में यह दूसरा मौका है, जब मतभेद उभरे हैं। प्रमोशन में 33 फीसदी आरक्षण को रद्द किए जाने के फैसले पर भी कांग्रेस ऐतराज जता चुकी है।

कांग्रेस बोली, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के लिए हम प्रतिबद्ध हैं
खासतौर पर ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने इस मसले पर तीखा विरोध जाहिर किया है। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने पिछले दिनों कहा था, ‘राज्य में सफलतापूर्वक सरकार चलाना अकेले कांग्रेस की ही जिम्मेदारी नहीं है। हम एक पार्टी के तौर पर अपनी विचारधारा के लिए संघर्ष करते रहेंगे। समाज के पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के हितों के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’