लंदन हाईकोर्ट ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को आर्थिक मोर्चे पर थोड़ी राहत दी, खर्चे के लिए 11 करोड़ रुपये निकालने की मिली मंजूरी

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Vijay Mallya
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लंदन के उच्च न्यायालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या को अपने रहने और कानूनी खर्च को पूरा करने के लिए अदालत द्वारा रखी गई राशि से करीब 11 लाख पाउंड की अनुमति दी है. दिवाला एवं कंपनी मामलों की उप अदालत के न्यायधीश निगेल बर्नेट ने अदालत फंड कार्यालय से पैसा निकालने के संबंध में सुनवाई की अध्यक्षता की. यह सुनवाई कर्ज नहीं चुकाने को लेकर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में भारतीय बैंकां द्वारा की जा रही दिवाला संबंधी कारवाई के तहत हुई. इस आदेश के माध्यम से किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख को अपने रहने और दिवाला याचिका के विरोध के संबंध में कानूनी खर्च को पूरा करने के लिए अदालत से पैसा निकालने की अनुमति मिल गई है.

माल्या जमानत पर ब्रिटेन में हैं और वह धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने की एक अन्य कानूनी लड़ाई हार चुके हैं.

सुनवाई के दौरान जज ने कहा, ‘इस मामले में माल्या अब तक दो पहलुओं पर सफल रहे जबकि याचिकाकर्ता भारतीय बैंक माल्या के आवेदन के खिलाफ पक्ष रखने में काफी हद तक सफल रहे हैं. कोर्ट ने कहा, ‘आवेदन की सुनवाई पर कानूनी खर्च होना स्वाभाविक है. अब सवाल है कि यह खर्च कैसे अदा होगा. इसलिए अभी माल्या को इस खर्चे को करने के लिए कोर्ट के फंड से पैसा दिया जाए, हालांकि कोर्ट ने कहा कि दिवालिया मामले में फैसला आने के बाद माल्या द्वारा इस पैसे को कहां और किस मद में खर्च किया गया है, इसकी जांच होगी.

बता दें कि इस केस में एसबीआई उन 13 बैंकां की अगुवाई कर रहा है, जिनसे माल्या ने कर्ज तो लिया, लेकिन इसे चुकाया नहीं इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एवं कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकन्स्ट्रक्शन कंपनी शामिल हैं. इन बैंकों ने दिसंबर 2018 में माल्या के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी.