Hijab Controversy: कर्नाटक हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट की बड़ी बेंच आज करेगी सुनवाई, स्कूल और कॉलेज बंद

    231
    Karnataka Hijab Row

    कर्नाटक का हिजाब विवाद के चलते राज्य में तनाव बरकरार है. इस मामले को कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक बड़ी पीठ के पास भेजा है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होगी. अदालत का फैसला आने से पहले राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का कोई फैसला नहीं लेगी. फिलहाल राज्य में तीन दिन की छुट्टियां हैं और बुधवार को शांति रही है. हालांकि अधिकतर संस्थानों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई हो रही है. राज्य में प्राथमिक स्कूल पहले की तरह बिना किसी बाधा के संचालित हो रहे हैं. हिजाब विवाद मंगलवार को पूरे राज्य में फैला. कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां ‘टकराव-जैसी’ स्थिति देखने को मिली.

    मामलों की सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि पर्सनल लॉ के कुछ पहलुओं के मद्देनजर ये मामले बुनियादी महत्व के कुछ संवैधानिक प्रश्नों को उठाते हैं. ऐसे मुद्दे जिन पर बहस हुई और महत्वपूर्ण सवालों की व्यापकता को देखते हुए अदालत का विचार है कि मुख्य न्यायाधीश को यह तय करना चाहिए कि क्या इस विषय के लिए एक बड़ी पीठ का गठन किया जा सकता है.

    कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को परिसरों में अशांति पैदा करने के लिए पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर उंगली उठाई, जिसके बाद शैक्षणिक संस्थानों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

    पिछले हफ्ते कर्नाटक सरकार ने राज्यभर के स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में छात्रों के लिए अपने या निजी संस्थानों के प्रबंधन द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म को अनिवार्य बनाने का आदेश जारी किया था.

    कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने कहा कि संघ परिवार परेशानी पैदा कर रहा है. हिजाब मुद्दा जो पहली बार उडुपी में सामने आया था, उसे स्थानीय स्तर पर सुलझाया जा सकता था और संघ परिवार के संगठन इसे अन्य जिलों में फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं.

    कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और राजस्व मंत्री आर अशोक ने कांग्रेस पर हिजाब विवाद को हवा देने का आरोप लगाया. ज्ञानेंद्र ने कहा कि कांग्रेस नेता हिजाब मुद्दे पर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. अगर वे आगे ऐसा करते रहे तो कर्नाटक के लोग उन्हें अरब सागर में फेंक देंगे.

    शिवकुमार ने यह भी आरोप लगाया कि कर्नाटक में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के लिए सूरत से 50 लाख भगवा शॉल मंगवाए गए.
    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि कोई महिला क्या पहनेगी यह तय करने का अधिकार किसी को नहीं है. प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब हो, यह फैसला करने का अधिकार महिलाओं का है कि उन्हें क्या पहनना है. इस अधिकार की गारंटी भारतीय संविधान ने दी है. महिलाओं का उत्पीड़न बंद करो.

    अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग ‘भारत की समावेशी संस्कृति को बदनाम करने की साजिश’ के तहत ‘ड्रेस कोड’ और संस्थानों के अनुशासन के फैसले को ‘सांप्रदायिक रंग’ दे रहे हैं.

    महाराष्ट्र के बीड शहर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब के समर्थन में बैनर लगाए और कहा कि भारतीय संविधान नागरिकों को उनकी धार्मिक संस्कृति का पालन करने का अधिकार देता है. बीड के बशीरगंज और करंजा इलाकों में सोमवार को ‘पहले हिजाब फिर किताब’ का संदेश देने वाले बैनर सोमवार को लगाए गए और मंगलवार को हटा दिए गए.

    महाराष्ट्र के ठाणे जिले की मुंब्रा बस्ती में भी सैकड़ों महिलाओं ने मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हिजाब उनका ‘‘आभूषण’’ है. प्रदर्शनकारियों में हिंदू महिलाएं भी शामिल थीं.