अर्थव्यवस्था को लेकर मिले एक और अच्छे संकेत, जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में आया उछाल, ऑटो सेल्स में भी तेजी

345

कोरोना की दूसरी लहर के बाद जुलाई में आर्थिक गतिविधियों में सुधार दिख रहा है. जुलाई महीने के लिए भारत का मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स 55.3 रहा. जून के महीने में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकल लॉकडाउन के कारण यह इंडेक्स 48.1 रहा था. यह इंडेक्स जब 50 से ऊपर रहता है तो ग्रोथ को दिखलाता है, जबकि 50 से नीचे यह गिरावट को दिखाता है.

जुलाई के महीने में जीएसटी कलेक्शन फिर से एक लाख करोड़ के पार रहा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा कि इससे साफ पता चलता है कि इकोनॉमी में तेजी से सुधार हो रहा है. जुलाई के महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 16 हजार 393 करोड़ रहा. सालाना आधार पर इसमें 33 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. लगातार आठ महीने तक जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ पार रहा था, लेकिन जून के महीने में यह 92,849 करोड़ रहा था.

इसके अलावा जुलाई में बिजली खपत भी महामारी के पूर्व स्तर पर पहुंच गया. लॉकडाउन में ढील और मानसून में देरी की वजह से देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 फीसदी बढ़कर 125.51 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई. यह महामारी पूर्व के स्तर के लगभग बराबर है. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. जुलाई, 2020 में बिजली की खपत 112.14 अरब यूनिट रही थी. यह महामारी से पहले यानी जुलाई, 2019 के 116.48 अरब यूनिट के आंकड़े से थोड़ा ही कम है.

जुलाई के महीने में ऑटो सेल्स में भी तेजी दर्ज की गई है. इसको लेकर निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया कि ऑटो सेल्स को मैक्रो इकोनॉमी इंडिकेटर कहा जाता है. इसमें अच्छी-खासी तेजी दर्ज की गई है. पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में तेजी आई है. इसके अलावा पूछताछ और बुकिंग्स में भी उछाल देखने को मिला है.

सालाना आधार पर जुलाई के महीने में मारुति सुजुकी की कुल बिक्री में 50 फीसदी का उछाल आया है. हुंडई की बिक्री में 46 फीसदी, टाटा मोटर्स की बिक्री में 19 फीसदी, एमजी मोटर्स की बिक्री में 101 फीसदी, होंडा कार की बिक्री में 559 फीसदी और टोयोटा की बिक्री में 143 फीसदी की तेजी आई है.