अमेरिका में जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने चुनौतियों से निपटने की प्रतिबद्धता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक का इस्तेमाल करना आरंभ किया है, जो वास्तव में निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है।
जॉन केरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत भारतीय नेतृत्व के साथ मिलकर बेहद करीबी से काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने की पूरी कोशिश में स्वच्छ ऊर्जा को अपना रहे सबसे अहम देशों में शामिल है। ऐसे में दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के जलवायु संकट से निपटने के लिए हाथ मिलाने से लाभ होगा।
केरी ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 में कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है, जो वास्तव में वहां निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है। उन्होंने जल्द भारत दौरे की इच्छा जताई और कहा प्रधानमंत्री ने इस वार्ता में अहम भूमिका निभाई है। केरी ने कहा कि भारत इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह कई वर्षों से प्रतिबद्ध रहा है।
केरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 450 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा के जिस लक्ष्य की घोषणा की है। यह सबसे महत्वपूर्ण योगदान में से एक होगा, क्योंकि अमेरिका व चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है। उन्होंने कहा, दुनिया की किसी भी अन्य जगह की अपेक्षा भारत में सौर ऊर्जा बनाना सस्ता है।