बिहार के जीतनराम मांझी का विवादित बयान कहा – श्रीराम सच में कोई व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता

751
FILE PHOTO

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद अब बिहार (Bihar News) में भी पाठ्यक्रम में ‘रामायण’ की पढ़ाई कराने की मांग उठने लगी है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भगवान राम को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है. जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कहा कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता, लेकिन रामायण कहानी में जो बातें बताई गई हैं, वो सीखने वाली हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ये कथा काल्पनिक जान पड़ती है.

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि रामायण कथा में कई श्लोक और संदेश ऐसे हैं, जो लोगों के बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक हैं. महिलाओं के सम्मान की बात हो या फिर बड़ों के आदर की बात हो, रामायण शिक्षा देती है. रामायण में शामिल बातों को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, ताकि लोग इससे शिक्षा लें. हालांकि इसे सत्य कथा या इतिहास नहीं माना जा सकता.

बीजेपी ने साधा निशाना
जीतन राम मांझी भी फिलहाल NDA का हिस्सा हैं लेकिन उनके इस बयान पर बीजेपी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है. प्रदेश बीजेपी ने बिना नाम लिए कहा कि जिनको राम के अस्तित्व पर शक है, वो नासमझ हैं. माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद बीजेपी में काफी आक्रोश है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि राम के अस्तित्व को तो नासा तक ने माना है.

जितनी बार पुरातत्व विभाग ने खुदाई की राम के अस्तित्व को स्वीकारा है. पुरुषोतम राम के व्यक्तित्व से सबको शिक्षा लेनी चाहिए और उसे पाठ्यक्रम में शामिल कराना चाहिए. उन्होंने जीतन राम मांझी पर हमला करते हुए बिना नाम लिए प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जिन्होंने अब तक राम को नहीं पढ़ा है, वो नासमझ है. अपनी समझदारी बढ़ाना चाहते हैं, तो रामायण पढ़ें.

मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रमों में शामिल होगी रामायण
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में महाभारत और रामायण महाकाव्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है. शिवराज सरकार के अनुसार, तकनीकी शिक्षा में सांस्कृतिक सिद्धांतों को जोड़ने के प्रयास के तहत यह निर्णय लिया गया है. ऐसे में बीजेपी कोटे से बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, वन व पर्यावरण मंत्री नीरज सिंह बबलू और खान भू-तत्व मंत्री जनक राम भी पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल कराने की मांग करने लगे हैं. फ़िलहाल इन मांगों पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि अभी हमारे पास ऐसा कोई प्रपोजल नहीं आया है, जब प्रपोजल आएगा, तब देखा जाएगा.