सोमवार को अपने एक ट्वीट में हिंदी सिनेमा के दिग्गज लेखक जावेद अख्तर ने ‘बुली बाई’ ऐप विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी लोगों की चुप्पी पर सवाल उठाया था. अब अपने इस ट्वीट को लेकर जावेद अख्तर ट्रोल हो रहे हैं. जावेद अख्तर को इसलिए ट्रोल किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने ऐप को लेकर बात करते हुए हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद का भी उल्लेख किया था. वहीं, कुछ यूजर्स उनके द्वारा अन्य मामलों पर चुप्पी साधने के लिए भी उन्हें ट्रोल कर रहे हैं.
जावेद अख्तर को ट्रोल करने वालों पर लेखक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अपने एक हालिया ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा – जिस क्षण मैंने महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी, गोडसे का महिमामंडन करने वालों, पुलिस और लोगों को नरसंहार का उपदेश देने वालों के खिलाफ आवाज उठाई, उसके बाद कुछ बड़े लोगों ने मेरे ग्रैंड फादर, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे और 1864 में काला पानी में मारे गए, उन्होंने उनको गाली देना शुरू कर दिया. आप ऐसे बेवकूफों से क्या कह सकते हैं?
आपको बता दें कि सोमवार को किए अपने एक ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा था- 100 महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी हो रही है. तथाकथित धर्म संसद में सेना और पुलिस को लगभग 20 करोड़ भारतीयों के नरसंहार की सलाह दी जा रही है. मैं हर चुप्पी, खासतौर पर पीएम की चुप्पी से हैरान हूं. क्या यही सब का साथ है?
जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर बवाल मच गया और उन्हें खूब ट्रोल किया गया. एक यूजर ने लिखा- बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा पर आपकी चुप्पी से हम भी हैरान थे. अगर आप किसी भी अपराध के खिलाफ हैं, तो आपको किसी भी जाति, धर्म या व्यक्तिगत पसंद के बावजूद इसका विरोध करना होगा. हमारे बुद्धिजीवियों का सिलेक्टिव आक्रोश वास्तव में निराशाजनक है.
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा- संबंधित मंत्रालय पहले ही कार्रवाई कर चुका है, तो पीएम को हर मुद्दे में क्यों घसीटा जाए? हिंदू धर्म संसद ने कभी भी भूतकाल और वर्तमान में नरसंहार का आह्वान नहीं किया है. हिंदुओं के बीच रहकर आपको यह जानना चाहिए. अगर आप कर सकते हैं तो फतवों के लेखकों को नियंत्रित करें. इससे सबके साथ को मदद मिलेगी.
आपको बता दें कि हरिद्वार में एक धर्म संसद आयोजित हुई थी, जिसमें कथित तौर पर विशेष समुदाय के खिलाफ विवादस्पद भाषण दिया गया था. इस मामले में अब तक दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पांच सदस्यों की एसआईटी भी गठित कर दी गई है, जो पूरे मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.