दुनियाभर में जापान (Japan) की इमेज एक हाईटेक देश के रूप में है, लेकिन इन दिनों जापान दो चीजों से जूझ रहा है. पहला मैकडोनाल्ड के फ्रेंच फ्राइज (French Fries) की कमी और दूसरा एक्सट्रा दूध. जापान के राजनेता लोगों से इसलिए ज्यादा से ज्यादा दूध पीने का आग्रह कर रहे हैं. खुद प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Prime Minister Fumio Kishida)लोगों से हर रोज एक गिलास दूध पीने को कह रहे हैं, ताकि दूध की बर्बादी न हो. इतना ही नहीं किसी न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान देश के मंत्री दूध पीते भी नजर आ रहे हैं और लोगों से ऐसा करने की अपील भी कर रहे हैं.
जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा ने कहा, ‘ हम यह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा आबादी एक्स्ट्रा दूध पीने में सहयोग करे और खाना बनाते वक्त दूध से बने सामानों का इस्तेमाल करे.’ प्रधानमंत्री संसद सत्र के खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. हालांकि, सिर्फ पीएम ही नहीं, बल्कि उनके मंत्री भी कुछ इसी तरह की सलाह जनता को दे रहे हैं. 17 दिसंबर को देश के मंत्री गेंजिरो कैनिको और टोक्यो के गवर्नर यूरिको कोइके ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिलास में रखा दूध भी पीया.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी आंकड़ों के हवाले बताया गया है कि सर्दियों में अभी तक जापान में 5000 टन दूध बर्बाद हो चुके हैं. यहां के किसान भी दूध को बर्बाद होने से रोकने के लिए चलाए जा रहे इस कैंपेन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. किसान सोशल मीडिया पर हैशटैग #1Lperday नाम से एक मुहिम चला रहे हैं और लोगों से दूध ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए कह रहे हैं.
जापान में इस साल दूध की मांग में काफी गिरावट आई है. यहां तक कि जापान में स्कूली बच्चों को भी लंचबॉक्स में दूध दिये जा रहे हैं. दूध की मांग में गिरावट की एक वजह कोरोना महामारी को भी माना जा रहा है. हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री अभी मंदी से उबरने की कोशिश में लगी है, जिसकी वजह से दूध की मांग इस सेक्टर में भी काफी कम हो गई है.