जम्मू-कश्मीर: हत्याओं के विरोध में जम्मू में प्रदर्शन, कुछ कश्मीरी पंडित कश्मीर घाटी से वापस लौटे

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    जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हाल में की गई हत्याओं के विरोध में शनिवार को जम्मू में विरोध प्रदर्शन हुए. इसके साथ ही कश्मीर घाटी से लौटे कुछ कश्मीरी पंडित परिवारों ने दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और अल्पसंख्यकों के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की. इसके अलावा देश की राजधानी दिल्‍ली समेत कई राज्‍यों में कश्‍मीर में ह‍िंदुओं की हत्‍याओं को लेकर व‍िरोध प्रदर्शन हुए हैं. कश्मीर घाटी में पिछले पांच दिन में आतंकवादियों ने सात लोगों की हत्या कर दी. मारे गए लोगों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय के थे. श्रीनगर से छह लोगों की हत्या की जानकारी प्राप्त हुई.

    एक कश्मीरी पंडित ने कहा, ”मैं पिछले 20 वर्षों से एक अध्यापक के तौर पर काम कर रहा हूं और पदोन्नति के बाद कुछ साल पहले घाटी लौटा था. लोगों को चुन कर मारे जाने से अचानक स्थिति खराब हो गई और हम वापस आ गए.” उन्होंने दावा किया कि कश्मीर क्षेत्र में उनकी तैनाती के पिछले तीन साल के दौरान उन्हें कोई समस्या नहीं हुई. उन्होंने कहा, ”हम अपने मुस्लिम सहयोगियों और पड़ोसियों के साथ भाई की तरह रहे.”

    उन्होंने कहा कि जिन्हें प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी वे लोग अब जम्मू लौट आए हैं। शनिवार को लौटे संजय भट्ट ने कहा कि घाटी में हाल में हुई हत्याओं के कारण अल्पसंख्यक डरे हुए हैं. उन्होंने कहा, “घाटी में अल्पसंख्यकों में उसी तरह का डर है जैसा हमने 2016 में देखा था (हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के मद्देनजर कश्मीर में हुए विरोध प्रदर्शन) अनुच्छेद 370 के हटने के बाद भी हम जम्मू लौट आए हैं.

    एक अन्य कश्मीरी पंडित प्रवासी ने कहा कि वह घाटी में वापस नहीं जाना चाहता. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को घाटी में वापस जाने के लिए कहने से पहले उनके भीतर विश्वास फिर से जगाने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए. इस मुद्दे पर बजरंग दल और डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया.

    बता दें कि कि गत पांच दिनों में कश्मीर में आतंकवादियों ने सात नगारिकों की हत्या की, जिनमें से चार अल्पसंख्यक समुदाय के थे. बीते बृहस्पतिवार को श्रीनगर में आंतकवादियों ने स्कूल की प्राधानाध्यापिका सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की करीब से गोली मारकर हत्या कर दी थी. कौर श्रीनगर की रहने वाली सिख थीं, जबकि चंद जम्मू निवासी हिंदू थे. कौर और चंद के अलावा प्रमुख कश्मीरी पंडित और श्रीनगर में सबसे चर्चित दवा की दुकान के मालिक और बिहार के रहने वाले और श्रीनगर रेहड़ी लगाने वाले व्यक्ति की भी आतंकवादियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में हत्या कर दी थी.