ISRO ने सफलतापूर्वक लांच किए 10 विदेशी सैटेलाइट, रखेंगे दुश्मन की हरकत पर नजर

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को इतिहास रचते हुए अपने प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी 49 से 10 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया।

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 26 घंटों की उल्टी गिनती के बाद दोपहर बाद 3:12 बजे रडार इमेजिंग सैटेलाइट ईओएस-01 और नौ विदेशी सैटेलाइटों के साथ पीएसएलवी-सी 49 ने उड़ान भरी।
ईओएस-01 अर्थ ऑब्जर्वेशन रीसेट सैटेलाइट का ही एक उन्नत संस्करण है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार लगा है, जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है।
इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और धरती की स्पष्ट तस्वीर खींची जा सकती है। इस सैटेलाइट की मदद से भारतीय सेना अपनी सीमाओं पर निगरानी के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रख सकेगी।

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) रॉकेट अपने 51वें अभियान में सभी सैटेलाइट को अपने साथ लेकर तय समय दोपहर बाद 3:02 बजे अंतरिक्ष में रवाना होने वाला था। यान के मार्ग में मलबा होने की वजह से इसमें 10 मिनट की देरी की गई।

इस साल इसरो का पहला मिशन था, क्योंकि कोरोना महामारी के चलते इसरो के कई मिशन रुके पडे़ थे। जो सैटेलाइट भेजे गए हैं, उनमें भारत का एक, लिथुआनिया का एक, लक्जमबर्ग के चार और अमेरिका के चार सैटेलाइट हैं। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यान ने सभी उपग्रहों को एक-एक कर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।

भारतीय सैटेलाइट ईओएस-01 पीएसएलवी रॉकेट से अलग हुआ तो रॉकेट में लगे ऑनबोर्ड कैमरे ने सैटेलाइट और धरती की खूबसूरत तस्वीरें लीं। इससे पहले इसरो ने 11 दिसंबर 2019 को रिसैट-2 बीआर1 रॉकेट पीएसएलवी-सी 48 की मदद से लॉन्च किया था, जो निगरानी सैटेलाइट था।